महिला कर्मचारी को मैटरनिटी लीव ना देना एक ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को भारी पड़ गया. मद्रास हाई कोर्ट ने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के फैसले को ‘अमानवीय’ बताते कड़ी फटकार लगाई. मजिस्ट्रेट ने तर्क दिए कि महिला ने अपनी दूसरी शादी का कोई सर्टिफिकेट नहीं दिया था. उन्होंने महिला की प्रेग्नेंसी पर भी संदेह जताया. कहा कि ऐसा लगता है कि महिला की प्रेग्नेंसी शादी के पहले हुई है. लेकिन उच्च न्यायालय के आगे ये दलीलें काम नहीं आईं. मामला तमिलनाडु के थिरुवरूर जिले के कोडावासल का है. देखें वीडियो.