सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के उस फैसले की कड़ी आलोचना की, जिसमें एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोपी की सजा को केवल इस आधार पर रद्द कर दिया गया था कि पीड़िता जिरह के दौरान चुप रही और केवल आंसू बहाए. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले खारिज करते हुए कहा है कि नाबालिग पीड़िता की चुप्पी को आरोपी के पक्ष में मानना गलत है. इन आंसुओं का मूल्यांकन उनके सही संदर्भ में किया जाना चाहिए. यह चुप्पी एक बच्चे की चुप्पी है, जिसे एक वयस्क महिला की चुप्पी के समान नहीं माना जा सकता. पूरा मामला जानने के लिए देखें वीडियो.