“न्यायिक अफसरों को फेसबुक पर नहीं जाना चाहिए. उन्हें फ़ैसलों पर कॉमेंट नहीं करना चाहिए क्योंकि कल को अगर जजमेंट सुनाया जाएगा तो जज ने पहले ही कोई न कोई विचार व्यक्त कर दिया होता है… एक संन्यासी की तरह जियो और घोड़े की तरह काम करो…” –सुप्रीम कोर्ट. जजों को ये नसीहत दी है जजों की ही शीर्ष संस्था – सुप्रीम कोर्ट ने. एक मामले को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जजेज़ के ऊपर ये सख्ती जताई है. पूरी ख़बर जानने लिए वीडियो देखिए.