विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि अगर वक्फ संपत्तियों या इस्लामी कानून के तहत धर्मार्थ या धार्मिक उद्देश्यों के लिए बनाई गई संपत्तियों का "ईमानदारी से" इस्तेमाल किया जाता तो युवा मुसलमानों को आजीविका के लिए पंक्चर ठीक करने की ज़रूरत नहीं पड़ती. एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर संघ ने देश के हित में अपनी विचारधारा और संसाधनों का इस्तेमाल किया होता, तो प्रधानमंत्री को बचपन में "चाय बेचने की ज़रूरत नहीं पड़ती". बाकी नेताओं ने क्या कहा, जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.