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Allahabad High court के जज ने उस बयान की पीछे की असली कहानी

इसको लेकर एक वरिष्ठ वकील ने CJI संजीव खन्ना को पत्र लिखकर मामले का स्वतः संज्ञान लेने को कहा है. लेकिन किस केस में कोर्ट ने ये टिप्पणी की जानने के लिए देखें वीडियो.

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल में अपने एक फैसले में कहा कि 'पीड़िता के स्तनों को पकड़ना, उसकी पाजामी का नाड़ा तोड़ना और उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास करना', बलात्कार या बलात्कार के प्रयास का आरोप लगाने के लिए ‘पर्याप्त नहीं’ है. कोर्ट का फैसला सामने आया तो इसको लेकर खूब विवाद हुआ. अब इसको लेकर एक वरिष्ठ वकील ने CJI संजीव खन्ना को पत्र लिखकर मामले का स्वतः संज्ञान लेने को कहा है. लेकिन किस केस में कोर्ट ने ये टिप्पणी की जानने के लिए देखें वीडियो.