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‘बुलडोजर चलाना गलत...’, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सुनकर क्या बोली योगी सरकार?

Bulldozer action verdict: यूपी सरकार ने बताया है कि इससे माफिया प्रवृत्ति के तत्व, संगठित पेशेवर अपराधियों पर लगाम कसने में आसानी होगी. कानून का राज सब पर लागू होता है. और क्या कहा सरकार ने?

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फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि किसी भी मामले में आरोपी होने या दोषी ठहराए जाने पर भी घर तोड़ना सही नहीं है. (फोटो- PTI)

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर कार्रवाई पर दिए गए फैसले को लेकर अब यूपी सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है. योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य बताया है (Yogi government welcomes Supreme Court bulldozer action verdict). साथ ही ये भी कहा है कि इस फैसले से अपराधियों के मन में कानून का भय पैदा होगा.

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यूपी सरकार ने कहा है कि सुशासन की पहली शर्त कानून का राज होती है. आजतक में छपी कुमार अभिषेक की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी सरकार ने बताया है कि इससे माफिया प्रवृत्ति के तत्व, संगठित पेशेवर अपराधियों पर लगाम कसने में आसानी होगी. कानून का राज सब पर लागू होता है.

यूपी सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला दिल्ली के संदर्भ में था, उत्तर प्रदेश सरकार इसमें पार्टी नहीं थी. रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला जमीयत उलेमा-ए-हिंद बनाम उत्तरी दिल्ली नगर निगम व अन्य से संबंधित था.

बता दें कि 13 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए तीखी टिप्पणी की. कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर गाइडलाइन्स भी तय कर दी है.

पीड़ित को मुआवजा दिया जाना चाहिए

रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि किसी भी मामले में आरोपी होने या दोषी ठहराए जाने पर भी घर तोड़ना सही नहीं है. कोर्ट ने आगे कहा कि उसने एक्सपर्ट्स के सुझावों पर विचार किया है और सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश जारी किया है. हर हाल में कानून का राज सुनिश्चित करना जरूरी है, इसलिए बुलडोजर एक्शन पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता. कोर्ट ने कहा कि अगर गलत तरीके से घर तोड़ा गया है तो पीड़ित को मुआवजा दिया जाना चाहिए.

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसा मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं होगा. अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकते. अगर किसी मामले में आरोपी एक है, तो घर तोड़कर पूरे परिवार को सजा क्यों दी जाए? परिवार से उनका घर नहीं छीना जा सकता है.

कोर्ट का फैसला, राजनीति शुरू

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर कार्रवाई पर दिए गए फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है. इसको लेकर पूर्व सीएम मायावती और सांसद चंद्रशेखर आजाद समेत कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मायावती ने कहा है कि बुलडोजर द्वारा फैलाया गया आतंक अब समाप्त होगा.

X पर उन्होेंने लिखा,

“माननीय सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर विध्वंसों से जुड़े आज के फैसले और कड़े दिशा-निर्देशों के बाद ये उम्मीद की जानी चाहिए कि यूपी व अन्य राज्य सरकारें जनहित व जनकल्याण का सही व सुचारू रूप से प्रबंधन करेंगी और बुलडोजर का छाया आतंक अब जरूर समाप्त होगा.”

उधर, यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा देश स्वागत करता है. उन्होंने कहा,

“हमारी सरकार और विपक्ष भी इस फैसले का स्वागत करता है. सरकार का इरादा घर गिराने का नहीं है, यदि किसी अपराधी ने अवैध संपत्ति अर्जित की है और सरकारी जमीन पर घर बनाया है, तो उसे खाली कराया जाता है. सरकार कभी किसी की निजी जमीन पर बना मकान नहीं गिराती है.”

सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे कम ही फैसले होते हैं जिसमें सरकार को जुर्माना देना पड़ता है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर न सिर्फ 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, बल्कि दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने को कहा है. अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भी कोर्ट के इस फैसला का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा जनता को परेशान किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि जिन परिवारों के घर तोड़े गए हैं उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए और इसमें शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर जारी की गाइडलाइन, कहा- 'बिना नोटिस मकान तोड़ा तो...'