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अजमेर दरगाह को मंदिर बता रहे विष्णु गुप्ता के बारे में ये बातें जानते हैं?

विष्णु गुप्ता ने दावा किया है कि अजमेर दरगाह में पहले पूजा पाठ होता था. उन्होंने दरगाह को ‘संकट मोचन महादेव मंदिर’ घोषित करने की मांग की है.

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हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता. (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट/Vishnu Gupta)

राजस्थान की अजमेर शरीफ दरगाह में 'शिव मंदिर' होने के दावे पर डाली गई याचिका और उस पर स्थानीय कोर्ट के नोटिस जारी किए जाने से घमासान मचा हुआ है. ये याचिका हिंदू सेना नाम के संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दाखिल की थी. उन्होंने अजमेर दरगाह को ‘संकट मोचन महादेव मंदिर’ घोषित करने की मांग की. साथ ही दरगाह की जगह को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे कराने और वहां हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार देने की भी मांग की है.

विष्णु गुप्ता ने दावा किया कि दरगाह में पहले पूजा पाठ होता था. पूजा पाठ दोबारा शुरू करवाने के लिए सितंबर 2024 में एक याचिका दायर की गई थी. इसी याचिका को स्वीकारते हुए कोर्ट ने अजमेर दरगाह कमेटी, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय, ASI को नोटिस जारी किया है. कोर्ट में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होनी है.

अजमेर में 13वीं शताब्दी के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है. इस दरगाह पर हर दिन अलग-अलग धर्मों के हजारों लोग पहुंचते हैं. अब इसी दरगाह में शिव मंदिर को लेकर बड़ा दावा किया गया है.

कौन हैं विष्णु गुप्ता?

विष्णु मूल रूप से उत्तर प्रदेश के एटा जिले के रहने वाले हैं. काफी कम उम्र में वे पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए थे. सात साल की उम्र में उन्होंने एटा के अपने गांव सकीट में राम जन्मभूमि आंदोलन में हिस्सा लिया था. छात्र रहते हुए ही उन्होंने शिवसेना का यूथ विंग जॉइन किया था. साल 2008 में वे बजरंग दल में शामिल हुए थे.

हिंदू सेना की वेबसाइट के मुताबिक, विष्णु ने शिवसेना के दिल्ली उपाध्यक्ष के तौर पर राजनीतिक करियर शुरू किया था. लेकिन, मुबंई में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमलों के कारण पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. साल 2011 में विष्णु गुप्ता ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ 'हिंदू सेना' का गठन किया था. इसका उद्देश्य हिंदू समुदाय की रक्षा करना है.

संगठन का मुख्यालय दिल्ली में है. इसके अलावा, संगठन पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में भी सक्रिय है. हालांकि, विष्णु गुप्ता या हिंदू सेना का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) या बीजेपी या शिवसेना से कोई संबंध नहीं है.

विष्णु गुप्ता खुद को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का समर्थक बताते हैं. साल 2016 में उनकी जीत के लिए उन्होंने हवन का आयोजन किया था.

वेबसाइट के मुताबिक, हिंदू सेना का उद्देश्य किसी भी तरीके के "इस्लामीकरण", "शरिया कानूनों", "लव जिहाद" और भारत में "इस्लामिक कट्टरवाद" का विरोध करना है. संगठन का कहना है कि वो भारत की संप्रभुता और सनातम धर्म को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति या संगठन का विरोध करेगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा.

हिंदू सेना के अलग-अलग विंग भी हैं. मसलन, छात्र मोर्चे का नाम है - हिंदू विद्यार्थी सेना. युवा मोर्चा है- हिंदू युवा सेना और महिला विंग का नाम है - हिंदू नारी सेना.

विष्णु गुप्ता के कारनामे

विष्णु गुप्ता और उनके संगठन के खिलाफ कई केस दर्ज हो चुके हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2011 में विष्णु गुप्ता और बीजेपी के तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ प्रशांत भूषण पर कथित रूप से हमला करने के कारण केस दर्ज हुआ था. तब दिल्ली पुलिस ने गुप्ता को गिरफ्तार भी किया था. अक्टूबर 2015 में एक बार फिर दिल्ली पुलिस ने उन्हें केरला हाउस में बीफ परोसे जाने की झूठी जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

जनवरी 2016 में उन पर पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) के स्टाफ पर हमला करने और बाराखंभा रोड पर स्थित एयरलाइंस के दफतर में तोड़फोड़ का आरोप लगा था. इसके बाद गुप्ता के खिलाफ दंगा करने, संपत्ति का नुकसान पहुंचाने और आपराधिक साजिश जैसे मामलों में केस दर्ज हुआ था.

जून 2017 में विष्णु गुप्ता और हिंदू सेना के सदस्य दिल्ली में सीपीएम दफ्तर में घुस गए थे. और पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी (दिवंगत) पर हमला किया था. दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2020 में हिंदू सेना न इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के साइनबोर्ड पर कालिख पोत दिया था. और उस पर "जिहादी टेररिस्ट इस्लामिक सेंटर" लिखकर चिपका दिया था. इसके लिए गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज हुआ था.

इसके अलावा, हिंदू सेना के सदस्यों पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के घर पर हमले का आरोप है. सितंबर 2021 में संगठन के पांच सदस्य गिरफ्तार भी हुए थे.

हिंदू सेना की कोर्ट में याचिकाएं

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विष्णु गुप्ता की याचिका को खारिज किया था. उन्होंने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद मैनेजमेंट कमिटी, की ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी सर्वे कराने को चुनौती देने वाली याचिका को चुनौती दी थी.

फरवरी 2023 में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे. लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था.

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