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उत्तरकाशी मस्जिद विवाद: पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की, उनके नाम सामने आए

FIR में जितेंद्र सिंह, सोनू नेगी, सूरज डबराल, कुलवीर राणा, सुशील शर्मा, गौतम रावत, आलोक रावत और सचेंद्र परमार नामज़द हैं. इनके अलावा 200 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है.

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रैली से पहले उत्तरकाशी में पुलिस की तैनाती. (फोटो - उत्तरकाशी पुलिस/X)

उत्तरकाशी में 25 अक्टूबर को हिंदू संगठनों के 200 से ज़्यादा लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई है. आरोप है कि इन लोगों ने प्रदर्शन किया, प्रदर्शन उग्र हुआ, पुलिस के साथ झड़प हुई, पुलिस पर पत्थरबाज़ी की गई और मौक़े को क़ाबू में करने के इरादे से पुलिस ने लाठीचार्ज किया. आठ के ख़िलाफ़ नामज़द और 200 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस ने मुक़दमा दर्ज किया है. FIR में जितेंद्र सिंह, सोनू नेगी, सूरज डबराल, कुलवीर राणा, सुशील शर्मा, गौतम रावत, आलोक रावत और सचेंद्र परमार नामज़द हैं.

बवाल की पूरी कहानी

इस हिंसा और प्रतिहिंसा के पीछे है एक मस्जिद जो ज़िला मुख्यालय के पास बनी है और उस पर विवाद है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, इसी साल मस्जिद की वैधता को लेकर एक RTI फ़ाइल की गई थी. प्रशासन ने जवाब दिया कि उनके पास ज़रूरी काग़ज़ात नहीं हैं. इसके बाद कुछ हिंदू ग्रुप्स की अगुआई में उत्तरकाशी के ज़िलाधिकारी को मस्जिद को गिराने की मांग के साथ एक ज्ञापन सौंपा गया.

मांग को लेकर मजिस्ट्रेट दफ़्तर के बाहर बैठे, नारेबाज़ी की. फिर प्रशासन को ही तीन दिन का अल्टीमेटम दे दिया कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वे ख़ुद मस्जिद गिरा देंगे.

इसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई. बीती 21 अक्टूबर को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जमा की. इस कमेटी ने बताया कि मस्जिद वैध ज़मीन पर बनी है. चार लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड है. SP अमित श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि प्रदर्शन कर रहे संगठनों को यह जानकारी दी गई थी.

रिपोर्ट के मुताबिक़, 'संयुक्त सनातन रक्षक संघ' नाम के एक संगठन ने कमेटी रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया. वे अपनी बात पर अड़ गए कि मस्जिद ‘अवैध’ है और प्रदर्शन करते रहे.

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इन लोगों ने प्रदर्शन के लिए अनुमति ली. बुधवार, 24 अक्टूबर को मस्जिद को 'अवैध' बताते हुए प्रदर्शन किया गया. 'संयुक्त सनातन रक्षक संघ' के बैनर तले संगठनों ने मस्जिद के ख़िलाफ़ मार्च निकाला. जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मस्जिद की तरफ़ बढ़ने से रोका, तो वे गंगोत्री हाईवे पर ही बैठ गए. क़रीब 2-3 घंटे तक सड़क पर ही बैठे रहे.

फिर पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई. झड़प के कारण के बारे में पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी अमित श्रीवास्तव ने एक वीडिया जारी किया है. कहा,

"प्रशासन ने उन्हें प्रदर्शन की परमिशन दी थी. मगर रैली का जो रूट तय हुआ था, वे उस रूट से न जाकर दूसरे रूट से जाने पर अड़ गए. पुलिस ने उन्हें समझाया, मगर माने नहीं. इसके बाद उन्हीं में से कुछ प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाज़ी शुरू कर दी."

भीड़ ने पुलिस पर पत्थर फेंके. पुलिस ने जवाब में लाठीचार्ज किया. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी समेत प्रदर्शनकारी भी घायल हुए. उत्तरकाशी पुलिस के मुताबिक़, 7 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इनमें 2 गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें एंबुलेंस से हायर सेंटर देहरादून रेफ़र किया गया है.

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