The Lallantop

उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक ही दिन में 13 मदरसे सील, प्रशासन ने बताई वजह

प्रशासन का कहना है कि जांच के दौरान बड़ी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे मदरसे मिले.

post-main-image
हल्द्वानी जिले में अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

उत्तराखंड के हल्द्वानी में अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. राज्य प्रशासन द्वारा जिले के कई मदरसों की जांच की गई. इस दौरान पाया गया कि इनमें से कई मदरसे बिना सरकार की अनुमति के चलाए जा रहे हैं. ऐसे में उन पर कार्रवाई करते हुए 13 अवैध मदरसों को सील किया गया है. इस दौरान पुलिस भी अलर्ट मोड में दिखी. ताकि किसी भी प्रकार की अशांति न फैले.

इंडिया टुडे से जुड़े राहुल सिंह दरम्वाल की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पूरे राज्य में कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में अवैध मदरसों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है. इसी क्रम में रविवार, 13 अप्रैल को प्रशासन की टीम हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में निरीक्षण के लिए पहुंची. इस दौरान भारी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन और सरकारी अनुमति के मदरसे मिले. इसके बाद 13 मदरसों को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया.

इस कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. पुलिस प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों से किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की गई है. प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई केवल अवैध रूप से संचालित शिक्षण संस्थानों के खिलाफ है, न कि किसी धर्म या समुदाय विशेष के विरोध में. कार्रवाई के दौरान एक मदरसा संचालक ने कहा कि पहले से उन्हें इस संबंध में कोई नोटिस नहीं दिया गया. न ही पहले से बताया गया कि इसका रजिस्ट्रेशन भी होना है. इस दौरान अधिकारी कहते दिखे कि इस बारे में आपको पहले से पता होना चाहिए.

इस विषय पर जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी विवेक राय ने कहा कि जिन मदरसों पर कार्रवाई की गई, उनमें से अधिकांश के पास कोई मान्यता नहीं थी. शिक्षा विभाग से न तो कोई अनुमति ली गई थी और न ही इन मदरसों ने बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित किसी भी मानक का पालन किया था.

उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन को पहले से ही कुछ मदरसों के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली थीं. इनमें बच्चों के लिए समुचित बैठने की व्यवस्था न होना, साफ-सफाई की घोर कमी, शौचालय न होना और CCTV जैसी सुरक्षा व्यवस्थाओं का अभाव शामिल था. कुछ मदरसे तो मस्जिदों के अंदर ही संचालित हो रहे थे, जो कि सरकारी नियमों के खिलाफ है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों राज्य में संचालित सभी मदरसों की जांच के निर्देश दिए थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि बच्चों की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी शिक्षण संस्थानों को मान्यता और नियमों का पालन करना अनिवार्य है. सीएम के फैसले पर कुछ लोगों ने इस कदम का समर्थन किया है, तो कुछ ने इसे अचानक की गई कार्रवाई और कठोर बताया है.

 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: CJI चंद्रचूड़ यूपी मदरसा एक्ट 2004 पर क्या बोले?