यूपी के संभल (Sambhal) में हुई हिंसा के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को रोक दिया गया. उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) ने गाजीपुर बॉर्डर पर दोनों सांसदों को रोका. इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की थी. इसके अलावा दिल्ली से सटे चार जिलों गाजियाबाद, नोएडा, अमरोहा और बुलंदशहर की भी सीमाएं सील कर दी थीं. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस (Congress) नेता केसी वेणुगोपाल, केएल शर्मा, उज्ज्वल रमन सिंह, तनुज पूनिया और इमरान मसूद भी मौजूद थे.
संभल जा रहे राहुल- प्रियंका को गाजीपुर बॉर्डर पर रोका गया, यूपी पुलिस की गाड़ी में भी जाने को तैयार थे दोनों नेता
Sambhal में हुई हिंसा से प्रभावित परिवारों से मिलने जा रहे Congress सांसद Rahul Gandhi और Priyanka Gandhi को UP Police ने गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया है. लेकिन राहुल गांधी संभल जाने पर अड़े हुए हैं. पुलिस ने उन्हें धारा 163 का हवाला देकर आगे जाने से रोक दिया.
गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने राहुल गांधी का काफिला रोक दिया. लेकिन राहुल गांधी संभल जाने के लिए अड़े रहे. उन्होंने पुलिस अफसरों से अनुरोध किया कि वे सिर्फ 5 लोग जाएंगे. पुलिस की गाड़ी में जाएंगे और वापस लौट आएंगे. लेकिन प्रशासन इस पर भी सहमत नहीं हुआ. इसके बाद राहुल गांधी ने अकेले जाने की बात कही. लेकिन प्रशासन ने इसकी भी इजाजत नहीं दी. गाजियाबाद पुलिस के DCP निमिष पटेल, राहुल गांधी से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने राहुल गांधी को संभल के हालातों का ब्यौरा दिया. साथ ही उनसे और आगे नहीं जाने का अनुरोध किया.
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का काफिला रोके जाने को लेकर जयराम रमेश ने बीजेपी पर निशाना साधा है. जयराम रमेश ने कहा,
हम लोकतंत्र में हैं कि नहीं. संभल में दंगे हुए हैं. कई परिवार के लोग मारे गए हैं. उनके दर्द, पीड़ा को समझने और उनके साथ समय बिताने के लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के दूसरे नेता जा रहे हैं. लेकिन उन्हें रोका जा रहा है. ये तो तानाशाही है. हम शांतिपूर्वक जा रहे हैं. और उनसे बातचीत करने के लिए जा रहे हैं. मुख्य विपक्षी पार्टी और नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उनका अधिकार बनता है वहां जाने का.
राहुल गांधी को रोकने के लिए पुलिस 3 दिसंबर से ही एक्टिव हो गई थी. हापुड़ में कांग्रेस जिला अध्यक्ष के घर पर फोर्स लगा दी गई. और आसपास के जिलों में कई कांग्रेसी नेताओं के घर पुलिस पहुंच गई. इससे पहले 30 नवंबर को सपा और 1 दिसंबर को कांग्रेस के डेलिगेशन ने भी संभल जाने का एलान किया था. लेकिन पुलिस ने जगह-जगह घेराबंदी करके किसी को संभल नहीं जाने दिया. 10 दिसंबर तक स्थानीय प्रशासन ने संभल में नेताओं और सामाजित कार्यकर्ताओं की इंट्री पर बैन लगा कर रखा है.
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