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बीटेक छात्र का फर्जी एनकाउंटर करने वाले नोएडा के 12 पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुई FIR

पीड़ित का आरोप है कि उन्हें और उनके बेटे सोमेश को जेवर थाने ले जाकर बैठा दिया गया. फिर रात में पुलिसकर्मियों ने बेटे सोमेश को गोली मार दी. इस दौरान उसका एनकाउंटर दिखाते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बेटे के पास से बाइक और पिस्टल की झूठी बरामदगी भी दिखा दी.

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फर्जी एनकाउंटर मामले में 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में फर्जी एनकाउंटर मामले में 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. इन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन्होंने मथुरा में बीटेक कर रहे एक छात्र का फर्जी एनकाउंटर करते हुए, उसके पैर में गोली मार दी थी. इस घटना के बाद छात्र के पिता ने कोर्ट का रुख किया था. कोर्ट ने मामले में कार्रवाई करते हुए इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया. इनमें एक थाना अध्यक्ष, 6 दरोगा और 5 कांस्टेबल के नाम शामिल हैं.

इंडिया टुडे से जुड़े अरुण त्यागी की रिपोर्ट के मुताबिक मामला 4 सितंबर, 2022 का है. मथुरा के कदम बिहार निवासी तरुण गौतम का आरोप है कि बिना नंबर की दो कारें उनके घर आईं. कारों से उतरे लोगों ने उनके बेटे सोमेश गौतम के बारे में पूछा. उन्होंने बताया कि बेटा राजस्थान के कोटा से बीटेक कर रहा है और तीन महीने की कोचिंग के लिए दिल्ली गया है.

तरुण गौतम ने आरोप लगाया कि कार से आए लोगों ने उनके साथ मारपीट की. इसके बाद गाड़ी में जबरन बैठाकर उन्हें अपने साथ ले गए. पीड़ित के मुताबिक, देर रात वे उन्हें लेकर बेटे सोमेश के दिल्ली स्थित कमरे पर पहुंचे. वहां कथित तौर पर बेटे के साथ भी मारपीट की गई. फिर उसे भी गाड़ी में बैठाकर अपने साथ ले गए. इस दौरान पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई.

पीड़ित का आरोप है कि उन्हें और उनके बेटे सोमेश को जेवर थाने ले जाकर बैठा दिया गया. फिर 6 सितंबर, 2022 की रात पुलिसकर्मियों ने बेटे सोमेश को गोली मार दी. इस दौरान उसका एनकाउंटर दिखाते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बेटे के पास से बाइक और पिस्टल की झूठी बरामदगी भी दिखा दी.

पीड़ित ने इस मामले को लेकर न्यायालय से गुहार लगाई. इसके बाद अब इस मामले में जेवर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं पीड़ित के वकील सीपी गौतम ने कहा कि पीड़ित का फर्जी एनकाउंटर किया गया था. इसके बाद उस पर 302 का फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया. इसके अलावा पीड़ित को छोड़ने के लिए उससे एक लाख रुपये भी लिए गए. वकील ने बताया कि न्यायालय ने 12 फरवरी को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद 8 अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया गया. उन्होंने आगे कहा कि इस मामले को लेकर वे सीबीसीआईडी जाएंगे, क्योंकि उन्हें डर है कि यहां जांच को बाधित किया जा सकता है.

अखिलेश यादव का आया बयान

इस मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने X पर लिखा, “नोएडा में फर्जी एनकाउंटर में उप्र पुलिस के जिन 12 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज हुआ है. अब उन्हें बचाने के लिए न तो ‘एनकाउंटर का गलत काम करवाने वाली’ भाजपा सरकार आगे आएगी, न ही कोई भाजपाई. इसीलिए हमने हमेशा पुलिस को आगाह किया है कि जब पुलिसवाले हत्या के आरोपी बनेंगे तो अपने परिवार, समाज और समुदाय को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे.” 

पूर्व सीएम ने लिखा कि आरोपी पुलिसकर्मी तो अकेले जेल चले जाएंगे लेकिन उनके परिवार को हर जगह एक हत्यारे के परिजन होने का अपमान झेलना पड़ेगा.

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