उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर ज़िले में पूर्व अधिकारी रवींद्र सिंह यादव (Ravindra Singh Yadav Noida) के दो ठिकानों की तलाशी ली गई है. अधिकारियों का कहना है कि इस तलाशी अभियान में लगभग 62.44 लाख रुपये के गहने, 2.47 लाख रुपये नकद, 37 लाख रुपये के इलेक्ट्रॉनिक सामान और कई बैंक खातों और जमीन से जुड़े दस्तावेज मिले हैं. रवींद्र सिंह यादव के नोएडा सेक्टर-47 स्थित आवास में से ये सब मिला है.
15 करोड़ का स्कूल, 16 करोड़ का घर, गहने और गैजेट्स... नोएडा अथॉरिटी के पूर्व अफसर के यहां छापे में 'खजाना' निकला है!
UP vigilance raid: अधिकारियों के मुताबिक़, Ravindra Yadav के नोएडा और इटावा में दो ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया. इनमें नोएडा स्थित आवास की क़ीमत लगभग 16 करोड़ रुपये बताई गई, जबकि इटावा के स्कूल की क़ीमत लगभग 15 करोड़ है.
वहीं, इटावा ज़िले के जसवंत नगर के मलाजनी गांव में मौजूद उनके एक स्कूल में भी तलाशी ली गई थी. आजतक की ख़बर के मुताबिक़, जांच में ये भी पता चला कि नोएडा सेक्टर-47 स्थित तीन मंजिला आवास ख़ुद 16 करोड़ रुपये की क़ीमत का है. वहीं, इटावा में अरस्तू वर्ल्ड स्कूल के रिकॉर्ड बरामद किए गए. इससे पता चला कि स्कूल की क़ीमत लगभग 15 करोड़ रुपये है.
रवींद्र सिंह यादव, नोएडा विकास प्राधिकरण के स्पेशल ऑफ़िसर रह चुके हैं. बीते दिनों उन्हें सस्पेंड किया गया था. उत्तर प्रदेश विजिलेंस इस्टेब्लिशमेंट की तरफ़ से ‘आय से अधिक संपत्ति के मामले’ में ये तलाशी ली गई. अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में रवींद्र सिंह यादव के पास अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति होने की बात पता चली.
इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई और कार्रवाई शुरू की गई. बताया गया कि विजिलेंस डिपार्टमेंट डायरेक्शन में 18 सदस्यों की टीम ने लगभग 12 घंटे तक तलाशी अभियान चलाया गया. इस दौरान कई स्वतंत्र गवाह भी मौजूद रहे. अधिकारियों का कहना है कि आगे की जांच के लिए बरामद दस्तावेजों और सबूतों की जांच की जा रही है.
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रिपोर्ट के मुताबिक़, रवींद्र सिंह यादव के घर से पार्सपोर्ट भी मिले हैं. ऐसे में विजिलेंस टीम उनके परिवार वालों की तरफ़ से की गई विदेश यात्राओं की जानकारी जुटा रही है. वहीं, उनके पास दो चारपहिया वाहनों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है. वहीं, बैंक अकाउंट, पॉलिसिस और इनवेस्टमेंट के डॉक्यूमेंट्स भी जांचे जा रहे हैं.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक़, रवींद्र सिंह यादव पर 2007 में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 9,712 स्क्वायर मीटर के सरकारी प्लॉट को अनियमित रुप से एक प्राइवेट हाउसिंग सोसाइटी को ट्रांसफ़र करने का भी आरोप लगा था. इस मामले की जांच पहले CBI की तरफ़ से की गई थी.
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