उत्तर प्रदेश के गाजीपुर (Ghazipur) में IPS अधिकारी समेत 18 पुलिसवालों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. इन पर आर्थिक भ्रष्टाचार और अपहरण से जुड़ी धाराएं लगाई गई हैं. सिपाही अनिल कुमार सिंह ने साल 2021 में अवैध वसूली और अपने अपहरण के प्रयास का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि उनकी तैनाती के वक्त चंदौली पुलिस हर महीने 12 लाख 50 हजार रुपये की अवैध वसूली करती थी.
यूपी में 18 पुलिसवालों के खिलाफ मामला दर्ज, सिपाही ने लाखों के अवैध वसूली की शिकायत की थी
Ghazipur News: शिकायतकर्ता का कहना है कि जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने SP से इस घटना की शिकायत की थी. इसके बावजूद उनकी नहीं सुनी गई. इसलिए उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया.
अनिल सिंह ने बताया है कि जब उन्होंने इस बात की शिकायत की थी तो उनकी हत्या और अपहरण की कोशिश की गई थी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल सिंह के वकील मुन्नू लाल ने इस मामले की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि जब इस मामले की विभागीय जांच की गई थी तो आरोप सही पाए गए थे. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि सिपाही पर ही झूठे आरोप लगाए गए. और उनको सस्पेंड कर दिया गया.
आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने सादे लिबास में नंदगंज थाना क्षेत्र के बड़सरा स्थित सिपाही के ससुराल से उनके अपहरण का प्रयास किया था. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत इमरजेंसी नंबर 112 पर और थाने में की गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई और शिकायतकर्ता पर गोकशी के झूठे आरोप लगाए गए.
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इस मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के साथ 18 लोगों का नाम शामिल है. आरोपियों में इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर भी शामिल हैं. 27 नवंबर को कोर्ट के आदेश के बाद नंदगंज थाना में FIR दर्ज की गई है. शिकायतकर्ता का कहना है कि जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने SP से इस घटना की शिकायत की थी. इसके बावजूद उनकी नहीं सुनी गई. इसलिए उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया. निचली अदालत के आदेश के बाद भी जब मामला दर्ज नहीं हुआ तो सिपाही ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
उन्होंने आगे बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी FIR दर्ज नहीं हुई. लंबे समय के बाद हाई कोर्ट में कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट के बाद आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ है. 27 नवंबर को मामला दर्ज होने के बाद 28 नवंबर को नंदगांव पुलिस ने सिपाही को थाने बुलाया था. और उन्हें लेकर उनके ससुराल गई थी.
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