तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) ने खुद को ‘प्राउड क्रिश्चियन’ बताया है. उन्होंने धार्मिक सद्भाव की बात करते हुए ये भी कहा कि सभी धर्मों के लोगों का सम्मान करना और उन्हें स्वीकार करना जरूरी है. एक क्रिसमस कार्यक्रम में बोलते हुए उदयनिधि स्टालिन ने उन लोगों पर भी हमला बोला जो धर्म का इस्तेमाल विभाजन और नफरत फैलाने के लिए करते हैं.
सनातन पर विवादित बयान देने वाले उदयनिधि अब बोले- ईसाई होने पर गर्व, पर सभी धर्म प्रेम सिखाते हैं
तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) ने पिछले साल सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया कहा था. इसे खत्म करने की बात कही थी. लेकिन इस बार बोले हैं कि सभी धर्म प्रेम सिखाते हैं, सभी का सम्मान करना चाहिए. और क्या बोले उदयनिधि?
इंडिया टुडे से जुड़े प्रमोद माधव की एक रिपोर्ट के मुताबिक उदयनिधि ने कहा,
'पिछले साल जब मैंने किसमस से जुड़े कार्यक्रम में कहा कि मुझे एक ईसाई होने पर गर्व है तो इस बात से कुछ संघी चिढ़ गए. लेकिन मैं आज फिर इस बात को दोहराता हूं कि मुझे ईसाई होने पर गर्व है. '
धार्मिक समावेशिता और एकता पर जोर देते हुए वो आगे बोले,
'अगर आप कहते हो कि मैं एक ईसाई हूं, तो हां मैं एक ईसाई हूं. अगर आप कहते हो कि मैं एक मुस्लिम हूं, तो हां मैं एक मुस्लिम हूं. अगर आप कहते हो कि मैं एक हिंदू हूं, तो हां मैं एक हिंदू हूं. मैं सभी के लिए कॉमन हूं. सभी धर्म हमें केवल प्रेम करना सिखाते हैं.
तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ने इस दौरान राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल करने वालों पर भी निशाना साधा. उन्होंने ऐसे लोगों पर समाज में नफरत और विभाजन फैलाने का आरोप लगाया. इलाहाबाद के एक जज का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा,
'हाल ही में हमने एक जज को एक धर्म के प्रति शत्रुतापूर्ण बातें करते हुए भी देखा. इलाहाबाद के एक जज ने हाल ही में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरी टिप्पणियां कीं. हमने सवाल किया कि क्या ऐसे व्यक्ति को जज के पद पर होना चाहिए. आप ऐसे जज के कोर्ट में न्याय मिलने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?'
इस दौरान उदयनिधि स्टालिन ने दावा करते हुए कहा,
सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया कहा था'इन जज को हटाने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव लाया गया, इसका सपोर्ट द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी (DMK) और कांग्रेस ने किया, लेकिन ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (AIADMK) पार्टी के सांसदों ने इस प्रस्ताव के सपोर्ट में साइन नहीं किए. AIADMK संविधान के खिलाफ जाने वाले जज को हटाने की मांग करने वाले प्रस्ताव का समर्थन भी नहीं कर सकती क्योंकि वो BJP के गुलाम हैं. BJP और AIADMK के बीच गुप्त गठबंधन जारी है.'
उदयनिधि स्टालिन को पिछले साल तब काफी विरोध का सामना करना पड़ा था, जब सनातन धर्म पर उन्होंने एक विवादित बयान दे दिया था. सितंबर 2023 में उन्होंने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में कहा था, 'सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए. बल्कि इसे खत्म ही कर देना चाहिए. सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है.'
इस टिप्पणी पर काफी ज्यादा बवाल होने के बाद उदयनिधि स्टालिन ने अपनी सफाई में कहा था, 'मेरी टिप्पणियों का उद्देश्य केवल महिलाओं के प्रति कथित दमनकारी प्रथाओं को एड्रेस करना था... मेरे शब्दों का गलत मतलब निकाला गया.' हालांकि उन्होंने इस दौरान ये भी साफ किया कि वो सनातन धर्म को 'खत्म' करने की अपनी अपील के लिए माफी नहीं मांगेंगे.
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