इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने Trucaller ऐप के खिलाफ जांच शुरू की है. ट्रूकॉलर, कॉलर आईडी और स्पैम ब्लॉकिंग ऐप है. इस ऐप पर ‘ट्रांसफर प्राइसिंग’ के उल्लंघन के आरोप (Truecaller Income Tax) लगे हैं. ट्रांसफर प्राइसिंग शब्द का इस्तेमाल कंपनी के भीतर होने वाले वित्तीय लेन-देन के लिए किया जाता है. जांच की कड़ी में आयकर विभाग ने ट्रूकॉलर के दफ्तरों और इससे जुड़े अन्य परिसरों पर छापा मारा है.
Truecaller के दफ्तरों पर इनकम टैक्स का छापा, कंपनी पर बड़े आरोप लगे हैं
Income Tax Department ने Truecaller से जुड़े ठिकानों पर छापा मारा है. इस ऐप पर ‘ट्रांसफर प्राइसिंग’ के उल्लंघन के आरोप लगे हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के गुरुग्राम और कुछ दूसरी जगह पर स्थित दफ्तरों पर तलाशी ली जा रही है. खबर लिखे जाने तक इस मामले में कंपनी की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
भारत में ट्रूकॉलर के 40 करोड़ से अधिक सक्रिय यूजर हैं. पिछले महीने, ऐप ने देश में ट्रूकॉलर फ्रॉड इंश्योरेंस नाम से एक नया फीचर लॉन्च किया. इसका उद्देश्य धोखाधड़ी का शिकार होने की स्थिति में प्रीमियम ग्राहकों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करना है. ट्रूकॉलर ने इन सेवाओं के प्रावधान के लिए HDFC Ergo के साथ साझेदारी की है.
दरअसल, लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं जिसमें लोगों के साथ फ्रॉड हो रहे हैं. कई बार ये फ्रॉड स्पैम कॉल्स के जरिए होते हैं. अपने फीचर को लॉन्च करते हुए ट्रूकालर की तरफ से कहा गया था कि उनका यह फीचर उन लोगों की मदद करेगा, जो ऑनलाइन स्कैम्स का शिकार हो रहे हैं.
इस तरह के स्कैम्स के जरिए साल दर साल हजारों करोड़ रुपये की ठगी की जा रही है. सरकार की तरफ से मिले आंकड़ों के मुताबिक, ठगी के ये मामले लगातार बढ़ रहे हैं. देश में कई जगह इन ठगों के केंद्र हैं. ये ठग देश के बाहर बैठकर भी काम कर रहे हैं.
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इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है.
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