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'शेर कुत्तों का शिकार नहीं करते... ' दलित IAS पर ये क्या बोल गए उत्तराखंड के पूर्व CM, मच गया बवाल

उत्तराखंड के पूर्व CM Trivendra Singh Rawat से राज्य के Mining Secretary Brajesh Kumar Sant के बयान से जुड़ा एक सवाल पूछा गया था. इस पर उन्होंने ऐसा क्या कह दिया कि बवाल हो गया?

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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (बाएं) IAS और खनन सचिव ब्रजेश कुमार संत (दाएं) (फ़ोटो - PTI/@tsrawatbjp)

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से BJP सासंद त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है. आरोप है कि उन्होंने दलित IAS और राज्य के खनन सचिव ब्रजेश कुमार संत (Brajesh Kumar Sant) के खिलाफ जातिवादी कॉमेंट किया है. उत्तराखंड IAS एसोसिएशन (Uttarakhand IAS Association) ने इस बयान के खिलाफ औपचारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराया है. एसोसिएशन ने बयान की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया है.

मामला क्या है?

दरअसल, 27 मार्च को संसद में बोलते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है. उन्होंने खनन का सामान ले जाने वाले ट्रकों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता भी जताई. उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है.

जवाब में खनन सचिव ब्रजेश कुमार संत ने राजस्व संग्रह और इनफोर्समेंट एक्शन को लेकर डेटा जारी किया. साथ ही, उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह के दावों का खंडन करते हुए कहा कि ये दावे भ्रामक हैं. उन्होंने कहा,

ये कहना पूरी तरह से निराधार, भ्रामक और असत्य है कि अवैध खनन हो रहा है या बढ़ रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ा सबूत ये है कि खनन से हासिल राजस्व, राज्य गठन के बाद से इस वित्तीय वर्ष में सबसे ज़्यादा है. ये पहला साल है, जिसमें वित्त विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य न सिर्फ़ हासिल किया गया है, बल्कि दो से ढाई सौ करोड़ से अधिक हो गया है.

इसके बाद स्थानीय मीडिया ने त्रिवेंद्र सिंह रावत से पूछा कि राज्य के अधकारी आपके दावों का खंडन कर रहे हैं, इस पर आपके क्या विचार हैं? इस पर उन्होंने कहा,

अधिकारी की बात पर मुझे कुछ नहीं कहना है. कहते हैं न कि शेर कुत्तों का शिकार नहीं करते. उसके बारे में मुझे कुछ बोलना ही नहीं है.

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त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान के बाद ही इसका विरोध शुरू हो गया. इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक़, हरिद्वार के जटवाड़ा इलाक़े में इसके ख़िलाफ़ विरोध रैली निकाली गई. वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इसे लेकर सवाल उठाए. टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक़, उन्होंने कहा,

मुझे ये बिल्कुल अजीब लगा. संसद में आप कह रहे हैं कि न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार अवैध खनन पर कार्रवाई कर रही है. फिर राज्य सरकार इस मुद्दे पर बयान देकर जवाब देती है. इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली बात त्रिवेंद्र द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द हैं. मैं भी एक पूर्व सीएम हूं और मैंने कभी किसी अधिकारी के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है. हमें सीमा पार नहीं करनी चाहिए. ये बेहद शर्मनाक है.

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वहीं, त्रिवेंद्र सिंह रावत के खनन सचिव ब्रजेश कुमार संत को लेकर दिए गए बयान पर राज्य IAS एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है. उत्तराखंड IAS एसोसिएशन ने अपने अध्यक्ष आनंद बर्धन की अध्यक्षता में 30 मार्च 2025 को एक आपातकालीन बैठक की. इसे लेकर एक स्टेटमेंट भी जारी किया गया. इसमें बताया गया कि बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें अधिकारियों की गरिमा और स्वाभिमान को बनाए रखने की ज़रूरत पर जोर दिया गया.

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