उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में आने वाले 11 गांव बीते तीन महीनों से बाघ के आतंक (Tiger Terror In Lucknow) के साए में है. इसी बीच 10वीं और 12वीं के एग्ज़ाम भी चल रहे हैं. इसी वजह से सबसे ज़्यादा चिंता स्टूडेंट्स को लेकर है. स्टूडेंट्स को एग्ज़ाम सेंटर तक जाने में भी डर सता रहा है. इसे लेकर जिला प्रशासन ने हरकत में आया है. एग्ज़ाम देने वाले स्टूडेंट्स सुरक्षित रूप से उनके एग्ज़ाम सेंटर तक पहुंच सकें इसके लिए PAC के जवानों की तैनाती की गई है.
यूपी बोर्ड एग्जाम पर भारी बाघ की दहशत, प्रशासन को सुरक्षा के लिए PAC लगानी पड़ी
Lucknow Tiger News: 11 गांव के करीब 300 छात्रों को इस साल बोर्ड एग्ज़ाम देना है. सेंटर पर पहुंचने के लिए उन्हें उन इलाकों से होकर गुज़रना पड़ता है, जहां बाघ के होने का अंदेशा है. दिसंबर से ही राज्य वन विभाग बाघ को पकड़ने के प्रयास कर रहा है. लेकिन अभी तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मीठेनगर, रहमान खेड़ा, करजहान, दुगुली, उलरापुर और अन्य गांवों से करीब 300 छात्रों को इस साल बोर्ड एग्ज़ाम देना है. सेंटर पर पहुंचने के लिए उन्हें उन इलाकों से होकर गुज़रना पड़ता है, जहां बाघ के होने का अंदेशा है. एक इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल राज कुमार सिंह ने कहा,
हाल ही में सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए स्कूल अधिकारियों और पुलिस और वन विभाग के पुलिसकर्मियों के बीच एक बैठक हुई थी. बैठक में छात्रों की सुरक्षा और उनके घरवालों को भरोसा दिलाने के लिए PAC के जवानों को तैनात करने का फैसला लिया गया है.
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दिसंबर से ही राज्य वन विभाग बाघ को पकड़ने के प्रयास कर रहा है. बताया गया कि बाघ ने अभी तक सिर्फ जानवरों को ही अपना शिकार बनाया है. किसी इंसान पर हमला नहीं किया है. वन विभाग की टीम ने बाघ की निगरानी और उसे पकड़ने के लिए 11 गांवों में से एक रहमान खेड़ा गांव में Central Institute for Subtropical Horticulture में एक बेस कैंप बनाया है.
लखनऊ के डिविजनल वन अधिकारी सीतांशु पांडे ने बताया कि बाघ को आखिरी बार कुछ दिन पहले रहमान खेड़ा गांव से तीन किलोमीटर दूर ड्रोन के जरिए देखा गया था. लखनऊ के पुलिस कमिश्नर विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि लोगों को झाड़ियों में जाने से रोकने और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक प्लाटून PAC को तैनात किया गया है.
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उन्होंने बताया कि लोगों में विश्वास पैदा करने और बाघ के डर को कम करने के लिए PAC की कंपनी प्रभावित इलाकों में गश्त करेगी. 12 दिसंबर को बाघ की मौजूदगी का पता चला था. तब गांव में उसके 100 से ज़्यादा पैरों के निशान मिले थे. बाद में बाघ को एक नीलगाय का शिकार करते हुए देखा गया था. कई जाल लगाने के बावजूद अभी तक बाघ पकड़ में नहीं सका है. इसी वजह से गांवों में उसे लेकर डर का माहौल है.
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