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बिहार के चोर की शानपट्टी से दुखी दिल्ली पुलिस, 150 चेलों को फंसवा कर खुद बचता रहा

ये कोई आम चोर नहीं बल्कि एक सीरियल चोर है. अबतक उसके साथ चोरी को अंजाम देने वाले 150 से अधिक लोग जेल जा चुके हैं. मामला दिल्ली का है.

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पुलिस की गिरफ्त में सीरियल चोर और उसके साथी (फोटो- एक्स/DelhiPolice)

आपने ‘सीरियल किलर’ की कई कहानियां सुनी होंगी. ऐसा हत्यारा जो लगातार कई कत्ल करता है. पर इस बार हम आपको एक ‘सीरियल चोर’ का किस्सा बताएंगे. ऐसा चोर जिसने 150 चोरियां की. कई दफा जेल गया पर हर बार किसी अलग साथी के साथ. चोर की जगह अगर इसे एक संस्था कहें तो भी कुछ गलत नहीं होगा. बंदा अपनी विरासत का विस्तार कर रहा है. एक चोर जिसके 150 शागिर्द हैं. ये सभी गए थे गुरू से चोरी के नए गुर सीखने, लेकिन एक चोरी के बाद दिखे ही नहीं. पता चला कि गुरू बस वन टाइम शागिर्द चुनते हैं. एक बार चोरी करने जिसके साथ जाते हैं, दोबारा उसकी तरफ मुंह उठाकर भी नहीं देखते. जनाब का नाम है रवि ऊर्फ गोपाल ऊर्फ मामा. चोरी करते हैं पर एक बार जो उनके चक्कर में पड़ता है, सीधा जेल में लैंड करता है. पर मामा हर बार छूट जाता है और तलाशता है नया पार्टनर. तो क्या है इस ‘सीरियल चोर’ की पूरी कहानी. 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के अलीपुर से चावल की 71 बोरियां चोरी हुईं. इन 71 बोरों में करीब 3 हजार किलो, यानी 30 क्विंटल के करीब चावल था. पुलिस ने चोर की तलाश शुरू की. जब चोर पकड़ा गया तो पता चला कि ये कोई आम चोर नहीं बल्कि एक ‘सीरियल चोर’ है. इस मामले पर जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर आउटर नॉर्थ निधिन वालसन ने बताया 

"रवि को पहले भी कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है. पर हर बार छूटने के बाद वो वही काम फिर से करने लगता."

रवि ऊर्फ मामा जेल से तो छूट जाते थे, पर उनकी आदत नहीं छूट रही थी. जानकारी के मुताबिक सीरियल चोर रवि बिहार का रहने वाला है. पुलिस को कन्फ्यूज करने के लिए वो चोरी करने के लिए साथ में हर बार नए साथी को ले जाता था. पुलिस के मुताबिक रवि ने कभी एक व्यक्ति के साथ दो बार काम नहीं किया. उसके पुराने आपराधिक नेटवर्क की वजह से उसे ढूंढना भी मुश्किल होता था. अबतक उसके साथ चोरी को अंजाम देने वाले 150 से अधिक लोग जेल जा चुके हैं. रवि के नाम इससे पहले डकैती, लूट और आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं. आरोप ये भी है कि उसने जितनी भी चोरियों को अंजाम दिया, उन सब में उसने चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल किया. यानी चोरी के काम सिर्फ अपना शरीर और दिमाग. बाकी सब चोरी का. 

डीसीपी वालसन के अनुसार रवि अधिकतर ऐसी चीजों की चोरी करता था जिन्हें आसानी से बाजार में बेचा जा सके. संभवतः गहने नहीं चुराता होगा क्योंकि उसे बेचने में दिक्कत आ जाती. हो सकता है इसकी वजह से पकड़ा भी जाता. इसलिए उसने चुराए चावल, कपड़े और ऐसी चीजें जिन्हें आसानी से खुले बाजार में बेचा जा सके. भारी मात्रा में चावल या कपड़े बेचने से किसी को शक नहीं होगा, इसलिए मामा ने इन्हीं चीजों को चुराया.

धरा गया मामा

रवि ऊर्फ मामा को तब गिरफ्तार किया गया जब एक गोदाम से करीब 30 क्विंटल चावल चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज हुई. गोदाम के सिक्योरिटी गार्ड ने पुलिस को बताया कि चोर ने उसे घायल किया और चावल लेकर चलता बना. इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 309(4), धारा 309(6) और धारा 3(5) के तहत केस दर्ज किया गया. इसके बाद मामा को पकड़ने के लिए एसीपी समयपुर बादली, सुशील कुमार गौर के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम गठित की गई. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और अपने मुखबिरों के नेटवर्क को एक्टिव किया. 3 संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई.

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पुलिस को उनके पास से एक बोलेरो पिकअप गाड़ी भी मिली. पता चला कि ये गाड़ी भी चोरी की है. इसे मोती नगर से चुराया गया था. ये वही गाड़ी थी जिसका इस्तेमाल बीते महीने बुराड़ी में बच्चों के कपड़ों के 30 बैग चुराने में किया गया था. डीसीपी वालसन के मुताबिक पुलिस आगे की जांच कर रही है. साथ ही वो चोरी के बाकी सामान को भी ढूंढ रही है.

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