भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) की मुलाकात हुई है. दोनों नेताओं ने थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हो रही बिम्सटेक की छठी समिट के दौरान द्विपक्षीय बैठक की. बिम्सटेक का फुल फॉर्म 'बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन' है.
PM मोदी से मिले मोहम्मद यूनुस, पहली ही मुलाकात में शेख हसीना को लेकर बड़ी डिमांड कर दी
Thailand में BIMSTEC समिट के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर Muhammad Yunus से मुलाकात की है. शेख हसीना की सरकार हटने के बाद से दोनों नेता पहली बार मिले हैं. क्या-क्या हुआ इस मुलाकात में?

मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव ने शफीकुल आलम ने दोनों नेताओं की मुलाकात के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश ने मोदी के सामने शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया. इसके अलावा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े सभी मुद्दों पर बात की गई. इनमें भारत में बैठकर शेख हसीना की भड़काऊ टिप्पणियों पर बात भी शामिल है. इसके अलावा, सीमा पर हत्या, गंगा जल संधि और तीस्ता जल बंटवारे पर भी दोनों नेताओं के बीच बात हुई. आलम ने कहा कि ये मीटिंग काफी रचनात्मक रही.
भारत ने क्या कहा?एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के हालात का मुद्दा उठाया. पीएम मोदी ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई कि बांग्लादेश सरकार इन मामलों की जांच करेगी और अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाएगी. मुलाकात के दौरान यूनुस ने पीएम मोदी को एक फोटो भेंट की. यह फोटो 3 जनवरी 2015 की है, जिसमें मोदी यूनुस को स्वर्ण पदक प्रदान कर रहे हैं. यूनुस तब 102वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में भारत आए थे.

भारत और बांग्लादेश के बीच पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं. ऐसे में दोनों नेताओं के बीच की यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है. पिछले साल पांच अगस्त को बांग्लादेश में विद्रोह के कारण शेख हसीना की सरकार गिर गई थी. इसके बाद उन्होंने भारत में शरण ली थी. और तब से भारत में ही रह रही हैं. इस मामले को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था.
पीएम मोदी से मिलने को बेचैन यूनुसबांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार लगातार भारत विरोधी स्टैंड दिखाते रहे हैं. लेकिन इस बीच कई बार उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की इच्छा भी जताई है. बिम्सटेक बैठक शुरू होने से पहले भी उन्होंने पीएम मोदी से द्विपक्षीय बैठक की इच्छा जताई थी. जिसे भारत की सरकार के तरफ से हरी झंडी दे दी गई. इस मुलाकात के दौरान आई तस्वीरों में पीएम मोदी गंभीर और शांत दिखे. जबकि यूनुस के चेहरे पर मुस्कुराहट दिखी.
बांग्लादेश में शासन की बागडोर संभालने के बाद से मोहम्मद यूनुस का झुकाव चीन की ओर होता दिखा है. आमतौर पर सत्ता संभालने के बाद बांग्लादेश सरकार के मुखिया की पहली राजकीय यात्रा भारत की होती है. लेकिन यूनुस ने इसके लिए चीन को चुना. अपनी बीजिंग यात्रा के दौरान 28 मार्च को उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. अपने चीन दौरे के दौरान मोहम्मद यूनुस भारत के नॉर्थ ईस्ट राज्यों को लेकर कुछ ऐसा बोल गए, जिसको लेकर भारत ने आपत्ति भी दर्ज कराई.
मोहम्मद यूनुस ने कहा,
भारत के नॉर्थ ईस्ट राज्य जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है लैंड लॉक्ड हैं. उनके पास समुद्र तक पहुंचने का रास्ता नहीं है. बांग्लादेश उस रीजन में समुद्र का एकमात्र गार्डियन है. इससे निवेश का बड़ा अवसर मिलता है.
उन्होंने चीन को बांग्लादेश में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि यहां चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है. इस इलाके में चीजों को बनाया जा सकता है और पूरी दुनिया में बेचा जा सकता है.
वीडियो: 'गरीबों का बैंकर' कहे जाने वाले मोहम्मद यूनुस की कहानी, जो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया बनने वाले हैं