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पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड की कहानी जो शुरू होती है एक मोबाइल टावर लगवाने से

Terrorist Aadil Hussain के बारे में पूछने पर उनकी मां बताती हैं कि बेटा सात साल पहले घर से निकला था, तब से वापस नहीं आया. उन्होंने कहा कि सबका कहना है कि Pahalgam Terror Attack में 26 लोगों को उसने मार दिया है. अगर ये सच है तो उसे फांसी होनी चाहिए.

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आदिल का ये स्केच सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया है (फोटो: इंडिया टुडे)

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने शहजादा बानो के घर को ध्वस्त कर दिया. क्योंकि, उनके बेटे आदिल हुसैन थोकर (Terrorist Aadil Husain) की पहचान मुख्य संदिग्ध के तौर पर हुई थी. शहजादा बेगम इसी टूटे घर के मलबे के इर्द-गिर्द घूमती रहती हैं. आदिल के बारे में पूछने पर बताती हैं कि बेटा सात साल पहले घर से निकला था, तब से वापस नहीं आया. उन्होंने कहा कि सबका कहना है कि पहलगाम हमले में 26 लोगों को उसने मार दिया है. अगर ये सच है तो उसे फांसी होनी चाहिए.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, अनंतनाग से करीब 8 किमी दूर एक गांव है- गुरी. ये आदिल का गांव है. उसकी मां का कहना है कि आदिल बचपन से शरीफ था. पांचों वक्त नमाज पढ़ता था. कुरान भी पढ़ता था. आगे उन्होंने बताया,

आदिल ने साइंस से ग्रेजुएशन किया था और वो उर्दू से मास्टर्स कर रहा था. इसके अलावा प्राइवेट स्कूल में टीचर था.

ऐसे में सवाल ये है कि आखिर पढ़ा-लिखा आदिल आतंकी कैसे बन गया? 

आदिल की मां कश्मीरी भाषा में बताती हैं कि आदिल पहले लड़ाई-झगड़े से दूर रहता था. उन्होंने बताया कि 2017 में उनकी एक खाली पड़ी जमीन पर टावर लगना था. बदले में परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलनी थी और जमीन का किराया मिलना था. रिपोर्ट के मुताबिक, आस-पड़ोस के लोग बताते हैं,

आदिल ने मोबाइल टावर लगवाने के लिए एक कंपनी से कॉन्टैक्ट किया था. इसके लिए आदिल के परिवार की जमीन भी फाइनल हो गई थी और कंपनी ने करीब 20 लाख रुपए का सामान भी लाकर रख दिया था. लेकिन गांव के ही रहने वाले एक शख्स ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. 

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बताया जा रहा है कि जिस शख्स ने विरोध किया था वो पहले खतरनाक आतंकी रह चुका था. हालांकि, बाद में उसने आतंक का रास्ता छोड़ दिया था और सरकार की मदद करने लगा था. उसने आदिल के परिवार को धमकाना शुरू कर दिया. अब आस-पड़ोस और परिवार के लोग ये कयास लगा रहे हैं कि आदिल को शायद यही बात खल गई. वो घर छोड़कर सरहद पार चला गया. तब से लेकर पहलगाम आतंकी हमले तक किसी को उसके बारे में कोई खबर नहीं थी. लेकिन हमले का बाद उसका नाम मुख्य संदिग्ध को तौर पर सामने आया. बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों ने आदिल पर 20 लाख रुपये का इनाम रखा है.

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