तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में एक बड़ा टनल हादसा हो गया है. शनिवार, 22 फरवरी की सुबह डोमलपेंटा इलाके में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC ) टनल का एक हिस्सा गिर गया. इस हादसे में छह मजदूर टनल के अंदर फंस गए. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. SLBC टनल नागरकुरनूल जिले को आंध्रप्रदेश के श्रीशैलम में स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग से जोड़ती है. नागरकुरनूल में भगवान शिव का उमा महेश्वरम मंदिर भी है, जिसे मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का उत्तरी प्रवेशद्वार कहा जाता है.
तेलंगाना में बड़ा टनल हादसा, छत का हिस्सा गिरा, 6 मजदूर अंदर फंसे
Telangana Tunnel Collapse: पुलिस ने बताया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी की टीम हालात का जायजा लेने के लिए टनल के अंदर गई है. कंपनी ने जानकारी दी है कि हादसे की वजह से टनल के अंदर 6 से 8 मजदूर फंसे हैं. मामला तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले का है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नागरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक (SP) वैभव गायकवाड़ ने बताया कि पुलिस को सुबह करीब 10 बजे टनल का हिस्सा गिरने की सूचना मिली थी. उनके मुताबिक SLBC टनल में 14 किमी अंदर श्रीशैलम रिजर्वियर के पास टनल की छत का लगभग तीन मीटर हिस्सा गिरा है. रिसाव को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कंक्रीट का एक हिस्सा गिरा है, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक टनल के अंदर चार दिन पहले ही कुछ काम शुरू हुआ था.
नागरकुरनूल एसपी ने कहा कि सिंचाई परियोजना का काम करने वाली कंपनी की दो बचाव टीमें हालात का जायजा लेने के लिए टनल में गई हैं. कंपनी के अनुसार, घटना के दौरान 50 मजदूर मौके पर मौजूद थे. इनमें से लगभग 43 सुरक्षित बाहर आ गए हैं. उन्होंने ये भी बताया कि अभी मजदूरों की संख्या को लेकर ज्यादा साफ जानकारी नहीं है. रेस्क्यू टीम के बाहर आने के बाद ही वो हालात की गंभीरता को जान पाएंगे.
उधर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने नागरकुरनूल जिला कलेक्टर, फायर डिपार्टमेंट और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने और रेस्क्यू के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है. सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी, सलाहकार आदित्यनाथ दास और सिंचाई विभाग के अन्य अधिकारी स्पेशल हेलीकॉप्टर से दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं.
तेलंगाना टनल हादसे ने उत्तराखंड के सिल्कयारा टनल हादसे की याद ताज़ा कर दी है. नवंबर 2023 को उत्तरकाशी जिले में एक निर्माणाधीन टनल ढह गई थी, जिसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए थे. 17 दिनों की कड़ी मशक्कत और 400 घंटों के बाद 28 नवंबर को सभी मजदूरों को बाहर निकालने में कामयाबी मिली थी.
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