तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल हादसे को लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है (Telangana tunnel collapse rescue operation). इस ऑपरेशन में मदद के लिए भारतीय सेना की टास्क फ़ोर्स को भी तैनात किया गया है. बचाव कर रही टीमों का कहना है कि कीचड़ के कारण घटनास्थल तक पहुंचना मुश्किल है. इस टनल में अब भी 8 लोग फंसे हुए हैं.
तेलंगाना सुरंग हादसा: अभी भी फंसे हैं 8 लोग, रेस्क्यू के लिए पहुंची इंडियन आर्मी, पानी भरा होने से हो रही देरी
Telangana Tunnel Collapse Update: टीमों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन मुश्किल होता जा रहा है. क्योंकि टनल में इस समय पानी भरा हुआ है. ऐसे में पहले पानी निकालने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. फिर मलबा हटाना होगा.

घटना को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पीएम मोदी से बात की है. वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने घटना पर दुख जताया है. उन्होंने भी रेवंत रेड्डी से बात की है. जो आठ लोग फंसे हुए हैं, उनमें अमेरिकी सुरंग बनाने वाली कंपनी ‘द रॉबिंस कंपनी’ के दो भारतीय इंजीनियर शामिल हैं. जबकि बाक़ी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के कर्मचारी हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर बताती है कि इनमें मनोज कुमार और श्री निवास उत्तर प्रदेश से हैं. झारखंड के संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू हैं. वहीं, जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह और पंजाब के गुरप्रीत सिंह भी इनमें शामिल हैं.
रेस्क्यू टीम ने घटनास्थल तक पहुंचने की कोशिश कर रही थी. लेकिन उन्हें वापस लौटना पड़ा. क्योंकि वो और अंदर नहीं जा सकते थे. NDRF के डिप्टी कमांडर सुखेंदु ने न्यूज़ एजेंसी ANI को बताया,
क़रीब 10 बजे हम स्थिति का एनालिसिस करने टनल के अंदर गए. हमने 13 किलोमीटर की दूरी तय की. इसमें से 11 किलोमीटर की दूरी हमने लोकोमोटिव से तय की. बाक़ी 2 किलोमीटर कन्वेयर बेल्ट पर. जब हम TMV (टनल बोरिंग मशीन) के अंत में पहुंचे, तो हमने फंसे हुए वर्कर्स से उनके नाम पुकारकर कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की. लेकिन हमें कुछ हासिल नहीं हुआ.
सुखेंदु ने आगे बताया,
मलबे से 200 मीटर का पैच भरा हुआ है. जब तक इस मलबे को साफ नहीं किया जाता, हम उन तक नहीं पहुंच पाएंगे और उन्हें नहीं बचा पाएंगे. पैच में पानी भरा हुआ है. ऐसे में जब तक पानी नहीं निकाला जाता, तब तक मलबा साफ करने का काम शुरू नहीं होगा. पहले हमें पानी निकालने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. फिर मलबा हटाना होगा. फंसे हुए वर्कर्स अभी कहां पर होंगे, ये अभी तक ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है.
द हिंदू की ख़बर के मुताबिक़, तेलंगाना के मुख्य सचिव ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना से मदद मांगी थी. ऐसे में सेना ने ऑपरेशन के लिए अपने इंजीनियर टास्क फ़ोर्स (ETF) को सक्रिय किया. ETF स्पेशलिस्ट इंजीनियरों की टीम होती है. इसमें आर्मी मेडिकल के फील्ड एंबुलेंस की एक टुकड़ी, 3 हाई कैपेसिटी पंपिंग सेट समेत कई उपकरण होते हैं. जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में आसानी हो सके.
टीमों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन मुश्किल होता जा रहा है. क्योंकि टनल में इस समय पानी भरा हुआ है. साइट पर मौजूद विशेषज्ञों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि टनल के चारों ओर पानी है. ऊपर की पहाड़ियों से भी पानी का रिसाव हो रहा है. टनल की छत से ये रिसाव कुछ हद तक कम हो जाता है और यही छत ढह गई है.
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बता दें, टनल में पानी इसलिए है, क्योंकि इसे कृष्णा नदी के पानी को नलगोंडा ज़िले में ले जाने के लिए बनाया जा रहा है. बीते पांच सालों से ये काम चल रहा है. अधिकारियों ने बताया है कि टनल के अंदर वेंटिलेशन सिस्टम काम कर रहा है. इससे फंसे हुए श्रमिकों को ऑक्सीजन की आपूर्ति हो पा रही है.
तेलंगाना सरकार टनल रेस्क्यू एक्सपर्ट्स से संपर्क कर रही है. बीते साल उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग ढहने के दौरान श्रमिक फंस गए थे. इन श्रमिकों को बचाने वाली टीम से भी कॉन्टैक्ट किया जा रहा है.
हुआ क्या था?श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC). ये तेलंगाना के नागरकुरनूल ज़िले में डोमलपेंटा इलाक़े में मौजूद है. 22 फरवरी की सुबह टनल का एक हिस्सा गिर गया था. बाद में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ.
बता दें, SLBC टनल नागरकुरनूल ज़िले को आंध्रप्रदेश के श्रीशैलम में स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग से जोड़ती है. नागरकुरनूल में भगवान शिव का उमा महेश्वरम मंदिर भी है, जिसे मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का उत्तरी प्रवेशद्वार कहा जाता है.
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