The Lallantop

तेलंगाना में कांग्रेस ने पूरा किया चुनावी वादा, ओबीसी आरक्षण हुआ 23 से बढ़कर 42 प्रतिशत

Telangana Vidhansabha में बोलते हुए मुख्यमंत्री Revanth Reddy ने कहा कि कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने वादा किया था कि अगर कांग्रस सत्ता में आती है तो OBC आरक्षण को 42 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा.

post-main-image
तेलंगाना में ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ा दिया गया है. (इंडिया टुडे, फाइल फोटो)

तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार ने राज्य में आरक्षण का दायरा 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 फीसदी कर दिया है. इसके लिए तेलंगाना विधानसभा में दो विधेयक पारित किए गए. जिसके तहत सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों और शहरी व ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्ग को 42 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है. विधानसभा से पास होने के बाद सरकार ने इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया है.  

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शून्यकाल के बाद तेलंगाना पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (शैक्षणिक संस्थानों में सीटों का आरक्षण और राज्य के अधीन सेवाओं में पदों पर नियुक्तियों का आरक्षण) विधेयक, 2025 और तेलंगाना पिछड़ा वर्ग (ग्रामीण और शहरी निकायों में सीटों का आरक्षण) विधेयक 2025 सदन में पेश किया गया. इसके अलावा एक और विधेयक सदन में पेश किया गया जिसका उद्देश्य पिछड़ी जातियों के लिए उप-जाति आरक्षण को मंजूरी देना है.

राज्य सरकार ने यह कदम जाति सर्वेक्षण कराए जाने के कुछ महीनों बाद उठाया है. इसमें पिछड़ी जातियों की आबादी 56.33 प्रतिशत बताई गई थी. जिसमें मुस्लिम जाति समूह भी शामिल हैं. बीजेपी और भारत राष्ट्र समिति (BRS) जैसी विपक्षी पार्टियों ने भी विधानसभा में इस विधेयक का समर्थन किया. विधेयक पेश करते हुए राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने कहा, 

तेलंगाना विधानसभा से एक आवाज उठनी चाहिए कि हम सभी 42 प्रतिशत आरक्षण का समर्थन करते हैं. पिछड़ा वर्ग देश में रीढ़ की हड्डी बन गया है.

विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा, 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वादा किया था कि अगर कांग्रस सत्ता में आती है तो BC आरक्षण को 42 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा. हम तेलंगाना के लोगों को एक मजबूत संदेश देना चाहते थे कि पूरी विधानसभा BC कोटा बढ़ाने पर आम सहमति पर पहुंची है. इस ऐतिहासिक क्षण में सरकार के साथ सहयोग करने वाले सभी लोगों का मैं आभार व्यक्त करता हूं.

मुख्यमंत्री रेड्डी ने बताया कि पिछली सरकार ने पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण का दायरा 37 प्रतिशत करने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा था. लेकिन मौजूदा सरकार पहले के प्रस्ताव को वापस लेकर नया प्रस्ताव भेज रही है. उन्होंने आगे कहा कि सदन के नेता के तौर पर वह पिछड़ा वर्ग के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण हासिल करने का नेतृत्व करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि इस आरक्षण के लिए दबाव बनाने के लिए सभी दलों के नेताओं का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का स्वागत है. आरक्षण तभी लागू हो सकता है जब केंद्र नए आरक्षण आवंटन को संविधान को नौवीं अनुसूची में शामिल करे.

रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और बंदी संजय कुमार से भी अनुरोध किया कि वे पीएम मोदी से मिलने का समय मांगें. साथ ही उन्होंने बताया कि संसद में राहुल गांधी इस मुद्दे को उठाएंगे. मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे के लिए पत्र लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है. BRS ने भी इस विधेयक का समर्थन किया है.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने आरक्षण के मौजूदा स्वरूप पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि जो लागू किया जा रहा है वो मुस्लिम आरक्षण नहीं है. बल्कि मुसलमानों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण है. कांग्रेस को देश को धर्म के आधार पर बांटना बंद करना चाहिए.

संविधान में संशोधन की जरूरत

विधानसभा से ओबीसी आरक्षण पारित होने के बाद तेलंगाना में आरक्षण की सीमा 62 प्रतिशत पहुंच गई है. यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित किए गए 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करता है. इस आरक्षण को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन और केंद्र सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. देश में केवल तमिलनाडु में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण है. जिसे संविधान की नौवीं अनुसूची के तहत संरक्षण प्राप्त है. 

वीडियो: पत्रकारों पर क्यों भड़क गए तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी? सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा है मामला!