पंजाब में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक एडवाइजरी विवाद का कारण बन गई है. हाल में पंजाब सरकार ने 'पंजाब शिक्षा क्रांति' (Punjab Sikhya Kranti) अभियान की शुरुआत की. इसमें स्कूल के सभी शिक्षकों को कथित रूप से CM भगवंत मान की तस्वीर वाला एक डिजाइन पोस्टर, अपनी वॉट्सऐप DP में लगाने को कहा गया. इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है. वहीं शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सरकार के इस कदम का बचाव किया है.
पंजाब: टीचर्स को वॉट्सऐप डीपी में CM भगवंत मान की तस्वीर वाला पोस्टर लगाने का निर्देश, बवाल हो गया
हाल में पंजाब सरकार ने 'पंजाब शिक्षा क्रांति' (Punjab Sikhya Kranti) अभियान की शुरुआत की. इसमें स्कूल के सभी शिक्षकों को कथित रूप से CM भगवंत मान की तस्वीर वाला एक डिजाइन पोस्टर, अपनी वॉट्सऐप DP में लगाने को कहा गया. इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

इंडिया टुडे से जुड़े अमन कुमार भारद्वाज की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब सरकार का ये अभियान सोमवार, 7 अप्रैल से शुरू हो गया है. इसमें स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जाएगा. इसका उद्घाटन स्थानीय विधायकों, मंत्री और सांसदों द्वारा रिबन काटकर किया जाएगा. साथ ही सोशल मीडिया पर इसका प्रचार-प्रसार करने की सलाह दी गई है.
इसी कड़ी में जिला शिक्षा अधिकारियों (DEOs) ने शिक्षकों के वॉट्सऐप ग्रुप्स में कथित रूप से एक मैसेज भेजा जिसमें लिखा,
“कृपया इस लोगो/पोस्टर को अपनी प्रोफ़ाइल पिक्चर के रूप में सेट करें और वॉट्सऐप स्टेटस पर भी अपलोड करें.”
इसके अलावा शिक्षकों को कथित रूप से अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को 'ऑफिशियल' बनाने और ‘PunjabSikhyaKranti’ का हैशटैग चलाकर अभियान से जुड़ी तस्वीरें व वीडियो पोस्ट करने के लिए कहा गया.
एडवाइजरी के सामने आते ही डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (DTF) पंजाब समेत भाजपा और कांग्रेस ने इसका विरोध किया. DTF के प्रमुख विक्रम देव सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षकों को राजनीतिक प्रचार का 'उपकरण' बना रही है. उन्होंने कहा कि अब स्कूलों के प्रिंसिपल और हेडमास्टरों को ‘इवेंट मैनेजर’ बना दिया गया है.
वहीं भाजपा नेता मंजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट कर कहा,
“पंजाब शिक्षा क्रांति नहीं, शिक्षा की चिता है. पंजाब में शिक्षकों का शर्मनाक दुरुपयोग किया जा रहा है. अब उन्हें आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया टीम बना दिया गया है. X अकाउंट बनाने, प्रचार पोस्ट करने और विधायकों के कार्यक्रमों की लाइव स्ट्रीमिंग करने को कहा जा रहा है.”
पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने एडवाइजरी का विरोध जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया की ‘दीवानी’ भगवंत मान सरकार अब शिक्षकों को अपना IT सेल बना रही है. स्कूलों की मामूली मरम्मत को ‘क्रांति’ बताया जा रहा है. वहीं कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा ने एक्स पर लिखा,
शिक्षा मंत्री Harjot Bains का बयान"यह सरकारी शिक्षा तंत्र का राजनीतिक इस्तेमाल है. आम आदमी पार्टी शिक्षकों को अपनी पार्टी की प्राइवेट आर्मी बना रही है. इसका हर किसी को विरोध करना चाहिए."
पूरे विवाद पर राज्य के मौजूदा शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस की प्रतिक्रिया आई. उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा,
“हमने यह नहीं कहा कि 'हरजोत बैंस जिंदाबाद' की डीपी लगाओ, और ना ही पार्टी की कोई प्रचार तस्वीर लगाने को कहा. यह तो मुख्यमंत्री की फोटो और शिक्षा क्रांति का स्लोगन है, जो उस वक्त दिया गया जब हमने नीतियों को लागू किया और बदलाव लाया.”
उन्होंने आगे कहा,
"जब पंजाब को 'उड़ता पंजाब' कहा जाता था, तब कोई कुछ नहीं बोला. अब जब हम 'पढ़ता पंजाब' बना रहे हैं तो परेशानी क्यों हो रही है? जब प्राइवेट स्कूल विज्ञापन दे सकते हैं, तो सरकारी स्कूल क्यों नहीं? क्या इसलिए कि इनमें गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं?"
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हर विभाग के कर्मचारी अपने विभाग का प्रचार करते हैं, इसमें गलत क्या है.
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