तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. मदुरै के थिरुपरनकुंद्रम में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने छात्रों से 'जय श्रीराम' के नारे लगवाए. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि राज्यपाल छात्रों से 'जय श्रीराम' का नारा लगाने के लिए कहते सुनाई देते हैं. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) ने इसका विरोध करते हुए आरएन रवि को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का 'प्रवक्ता' बता दिया.
तमिलनाडु के राज्यपाल RN रवि ने छात्रों से लगवाया 'जय श्रीराम' का नारा, DMK बोली- 'RSS प्रवक्ता हैं'
Tamil Nadu के Governor RN Ravi ने एक प्राचीन कवि के आदर में छात्रों से 'जय श्रीराम' के नारे लगवाए, जिसे लेकर DMK और Congress ने उनकी तीखी आलोचना की. तमिलनाडु में सत्ताधारी DMK ने उन्हें RSS का प्रवक्ता बताया है.

इंडिया टुडे से जुड़े प्रमोद माधव की रिपोर्ट के मुताबिक, DMK ने आरोप लगाया कि राज्यपाल बार-बार संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं और RSS के 'प्रवक्ता' की तरह काम कर रहे हैं. तमिलनाडु में DMK का साथ देने वाली कांग्रेस ने भी राज्यपाल की तीखी आलोचना की है.
दरअसल, शनिवार, 12 अप्रैल को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि मदुरै पहुंचे थे. यहां त्यागराजर इंजीनियरिंग कॉलेज के कार्यक्रम में उन्होंने छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने 'कम्ब रामायणम' लिखने वाले एक प्राचीन कवि के सम्मान में छात्रों से 'जय श्रीराम' बोलने के लिए कहा.
वायरल वीडियो में आरएन रवि छात्रों से कहते हैं,
इस दिन, आइए हम श्री राम के महान भक्त को श्रद्धांजलि दें. मैं कहूंगा और आप कहेंगे जय श्री राम.
इसके बाद छात्र भी 'जय श्री राम' के नारे को दोहराते हुए सुने गए.
DMK प्रवक्ता एस धरनीधरन ने कहा कि राज्यपाल को समझना चाहिए कि यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है. एक प्राइवेट कॉलेज के छात्रों से राज्यपाल का एक खास नारा लगवाना देश की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है. उन्होंने आगे कहा,
यह देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है. राज्यपाल बार-बार संविधान का उल्लंघन क्यों करना चाहते हैं? वे अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं? वह RSS के प्रवक्ता हैं. हम जानते हैं कि कैसे उन्होंने देश के संघीय सिद्धांतों का उल्लंघन किया है और कैसे सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उनकी जगह दिखाई है.
वहीं, कांग्रेस विधायक जेएमएच आसन मौलाना ने भी राज्यपाल के इस व्यवहार की आलोचना की. उन्होंने कहा,
वे इस देश के सर्वोच्च पदों में से एक पर हैं, और वे एक धार्मिक नेता की तरह बोल रहे हैं, जो इस देश के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. भारत में कई धर्म, कई भाषाएं और कई समुदाय हैं और राज्यपाल बच्चों को जय श्री राम का नारा लगाने के लिए कहते रहते हैं. यह असमानता को बढ़ावा दे रहा है. ये किसी धार्मिक विचारधारा को बढ़ावा दे रहा है, जो राज्यपाल को नहीं करना चाहिए था, लेकिन वे RSS और BJP के प्रोपगेंडा मास्टर बन गए हैं.
यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब कुछ ही दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल रवि को फटकार लगाते हुए विधानसभा से पारित 10 विधेयकों को रोक कर रखने के फैसले को 'अवैध' करार दिया था. कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल विधेयकों पर अनिश्चितकालीन कार्रवाई नहीं टाल सकते और इस तरह की 'निष्क्रियता' असंवैधानिक है. इस फैसले को DMK सरकार के लिए एक बड़ी कानूनी जीत माना गया, क्योंकि DMK की राज्यपाल के साथ तनातनी रही है.
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