मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) ने दिल्ली की एक अदालत से अपने वकील को लेकर एक मांग की है. मांग ये कि उसका 'वकील ऐसा नहीं होना चाहिए, जो उसके ज़रिए नाम और प्रसिद्धि कमाता' नज़र आए. कोर्ट ने उसकी इस मांग को मानते हुए निर्देश दिया है कि इस मामले में आरोपी के वकील, आरोपी के बारे में मीडिया से बात नहीं करेंगे.
'मुझे ऐसा वकील नहीं चाहिए... ' तहव्वुर राणा ने की बड़ी मांग, फिर जज ने क्या कहा?
Tahawwur Rana को दिल्ली के पटियाला हाउस में NIA के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. NIA ने उसकी 20 दिनों की हिरासत मांगी. लेकिन अदालत ने 18 दिन की हिरासत मंजूर की है. इस दौरान कोर्ट में राणा ने क्या डिमांड की?

तहव्वुर राणा मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले (26/11 Mumbai Attack) के साजिशकर्ताओं में से एक है. लंबे समय से उसके प्रत्यर्पण की कोशिश चल रही थी. 10 अप्रैल की शाम को एक स्पेशल विमान उसे लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा. यहां औपचारिक तौर पर एनआईए (NIA) की टीम ने उसे गिरफ़्तार कर लिया.
इसके बाद उसे पटियाला हाउस में NIA के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. NIA ने उसकी 20 दिनों की हिरासत मांगी. लेकिन अदालत ने 18 दिन की हिरासत मंजूर की है. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, एडिशनल सेशन जज (NIA) चंदर जीत सिंह ने कहा कि आरोपी ने ऐसे वकील की मांग की है, जो उसके ज़रिए नाम और प्रसिद्धि कमाता हुआ ना नजर आए. कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपी को लीगल सर्विस अथॉरिटी एक्ट, 1987 के नियम के अनुसार मौजूद वकील ही असाइन किया जाएगा. लेकिन, फिर भी आरोपी की मांग को स्वीकार कर लिया गया है.
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इस दौरान कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया है कि अगर वकील के बारे में पहले से मीडिया को नहीं पता है, तो उन्हें नहीं बताया जाएगा. और साथ ही आरोपी से वकील, आरोपी के बारे में मीडिया से बात नहीं करेंगे.
तहव्वुर राणा को राजधानी दिल्ली के CGO कॉम्प्लेक्स में मौजूद NIA के मुख्यालय के अंदर रखा गया है. सेंट्रलाइज़्ड एयर-कंडिशनिंग वाली हाई सिक्योरिटी वाली कोठरी में. यहीं पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को रखा गया था. लॉक-अप ग्राउंड फ्लोर पर है. CISF कर्मी और दो NIA अधिकारी चौबीसों घंटे उसकी सुरक्षा में लगे हैं.
आजतक से जुड़े हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार, 11 अप्रैल को कस्टडी के पहले दिन NIA के अधिकारियों ने तहव्वुर राणा से महज तीन घंटे तक ही पूछताछ की. जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक राणा ने एनआईए अधिकारियों के सवालों के ज्यादातर जवाब 'नहीं पता' या 'याद नहीं' कहकर टाल दिए. एनआईए अधिकारियों को तहव्वुर के जवाब संतोषजनक नहीं लगे. पूछताछ में तहव्वुर से परिवार और उसके दोस्तों से जुड़े सवाल भी पूछे गए. लेकिन उसने बार-बार बीमारी का हवाला देकर पूछताछ से बचने की कोशिश की.
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