तारीख थी 8 दिसंबर 2024. सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद अपनी 24 साल की सत्ता गंवाने के बाद अपने मुल्क़ से भाग खड़े हुए. उन्होंने सीरिया से निकल कर रूस में शरण ली है. देश से भागने के बाद उनका पहला बयान आया सामने आया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वे किसी दूसरे देश में शरण लेंगे.
सत्ता से बेदखली के बाद बशर अल-असद का पहला बयान, सीरिया से भागने पर क्या कहा?
बशर का कहना है कि उन्हें सीरिया की जनता पर यकीन है. वो अपने देश की रक्षा करने में सक्षम हैं. साथ ही 'उम्मीद' जताई कि सीरिया एक बार फिर आजाद जरूर होगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक असद ने कहा, “अपने देश से भाग कर कहीं और शरण लेने के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था. लेकिन, दमिश्क में हुए ड्रोन अटैक की वजह से रूस ने मुझे सीरिया से बाहर निकाला.”
बशर अल-असद ने रूस से अपने लिखित बयान में आगे कहा, “मेरा सीरिया से निकलने का कोई प्लान नहीं था. और न ही ये फैसला जंग के आखिरी समय में लिया गया था. जो लोग ये बता रहे हैं वो ग़लत कह रहे हैं. इसके उलट मैं 8 दिसंबर, रविवार के शुरुआती घंटों तक दमिश्क में अपनी जिम्मेदारी निभा रहा था.”
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उन्होंने ये भी कहा, “जब आतंकवादी दमिश्क में घुस गए तो मैं रूस की मदद से लट्टाकिया चला गया. ताकि वहां से मैं युद्ध की तैयारी पर नजर रख सकूं. जब मैं सुबह खमीमिम एयर बेस पहुंचा तो यह स्पष्ट हो चुका था कि हमारी सेनाएं युद्ध से पीछे हट गई हैं. और सेना की आखिरी पोजीशन भी ध्वस्त हो गई है.”
बशर अल-असद साल 2000 से सीरिया की सत्ता पर काबिज थे. उनसे पहले लगभग तीन दशक तक उनके पिता हाफ़िज़ अल-असद सीरिया पर तानशाही शासन कर रहे थे. लेकिन, बीतR 8 दिसंबर को हयात तहरीर अल-शाम (HTS) और उनके साथी संगठनों के द्वारा किए हमले के बाद उनकी सत्ता गिर गई. और उन्हें सीरिया से भागना पड़ा.
असद ने अपने बयान में सीरिया के अभी के हालात पर दुःख व्यक्त किया. उन्हें कहा KF सीरिया आतंकवाद के गिरफ्त में है. बशर ने खुद को राष्ट्रीय परिकल्पना के लिए समर्पित नेता बताया और कहा उनके सीरिया छोड़ने के पीछे कोई व्यक्तिगत हित की बात नहीं थी.
इंडिया टुडे में एफपी के हवाले से छपी ख़बर के मुताबिक़ 19वें सीरियाई राष्ट्रपति ने कहा, “मैंने कभी अपने फायदे के लिए अपने पद का इस्तेमाल नहीं किया. मैं खुद को राष्ट्रीय योजना का संरक्षक मानता हूं. जिसे सीरिया की जनता ने समर्थन दिया. मेरे विज़न पर विश्वास जताया.”
बशर का कहना है कि उन्हें सीरिया की जनता पर यकीन है. वो अपने देश की रक्षा करने में सक्षम हैं. साथ ही 'उम्मीद' जताई कि सीरिया एक बार फिर आजाद जरूर होगा.
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