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कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की क्लोजर रिपोर्ट, सुरेश कलमाड़ी को क्लीन चिट

Suresh Kalmadi सहित अन्य लोगों पर 'इवेंट नॉलेज सर्विसेज' (EKS) और 'अर्न्स्ट एंड यंग' को गलत तरीके से दो कॉन्ट्रैक्ट देने का आरोप लगा था. जिससे कथित तौर पर Commonwealth Games आयोजन पैनल को 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

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सुरेश कलमाड़ी के खिलाफ चल रहे केस में ईडी की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. (फाइल फोटो, इंडिया टुडे)

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 (Commonwealth Games) के आयोजन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. इस मामले में कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति के तत्कालीन अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी (Suresh Kalmadi) और महासचिव ललित भनोट समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राउज एवेन्यू कोर्ट ने बताया कि जांच के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग का कोई अपराध साबित नहीं हुआ. इस कारण से ED की दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया. 28 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा, 

जांच के दौरान अभियोजन पक्ष PMLA की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग) के तहत कोई अपराध साबित करने में विफल रहा है. अब चूकि ED द्वारा जांच के बावजूद मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कोई अपराध स्थापित नहीं हो पाया है या नहीं किया गया है. इसलिए इस केस को जारी रखने का कोई कारण नहीं है.

ED की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि CBI ने  भ्रष्टाचार का मामला पहले ही बंद कर दिया है, जिसके आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. इस मामले में CBI ने कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति के तत्कालीन CEO विजय कुमार गौतम, तत्कालीन कोषाध्यक्ष एके मट्टो और स्विट्जरलैंड की कंपनी इवेंट नॉलेज सर्विसेज को भी आरोपी बनाया था.

सुरेश कलमाड़ी सहित अन्य लोगों पर इवेंट नॉलेज सर्विसेज (EKS) और अर्न्स्ट एंड यंग को गलत तरीके से दो कॉन्ट्रैक्ट देने का आरोप लगाया था. जिससे कथित तौर पर कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन पैनल को 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

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CBI ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा था कि इस मामले में जांच के दौरान कोई भी आपत्तिजनक सबूत नहीं मिले. CBI ने साल 2014 में कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी, जिसे फरवरी 2016 में कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. 

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