EVM या बैलेट पेपर, चुनाव कराने के लिए इनमें से किसका इस्तेमाल हो? ये सवाल भारत से लेकर अमेरिका जैसे देश में भी उठता रहता है. भारत में तो लगभग हर कुछ महीनों में ये सवाल किया जाता है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अब कड़ाई से एक आदेश दिया है (Supreme Court Says No To Paper Ballots). टॉप कोर्ट ने कहा है कि ये वो जगह नहीं है जहां आप इन सब पर बहस कर सकते हैं.
"जीते तो कुछ नहीं, हारे तो EVM से छेड़छाड़ हो गई", सुप्रीम कोर्ट ने इस बार सब साफ कह दिया
कोर्ट ने कहा कि जब चंद्रबाबू नायडू या जगन रेड्डी हारते हैं तो वो कहते हैं कि EVM से छेड़छाड़ की गई है और जब वो जीतते हैं, तो वो कुछ नहीं कहते.
दरअसल, केए पॉल नाम के शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें मांग की गई थी कि देश में चुनाव के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए टिप्पणी की,
“ये शानदार विचार कहां से आते हैं?”
याचिकाकर्ता केए पॉल ने सुनवाई के दौरान कहा कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ पर सवाल उठाए थे. इस पर जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले ने कहा,
“जब चंद्रबाबू नायडू या जगन रेड्डी हारते हैं तो वो कहते हैं कि EVM से छेड़छाड़ की गई है और जब वो जीतते हैं, तो वो कुछ नहीं कहते. हम इसे कैसे देख सकते हैं? हम इसे खारिज कर रहे हैं. ये वो जगह नहीं है जहां आप इन सब पर बहस कर सकते हैं.”
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से आगे पूछा,
"आपके पास दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं. आपको ये शानदार विचार कहां से आते हैं?"
बता दें कि याचिकाकर्ता एक ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं जो लाखों अनाथ लोगों और विधवाओं को रेस्क्यू करने का दावा करता है. इसे लेकर बेंच ने कहा,
"आप राजनीतिक क्षेत्र में क्यों आ रहे हैं? आपका काम बहुत अलग है."
पॉल ने तर्क दिया कि EVM के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और सुझाव दिया कि भारत को अमेरिका जैसे देशों की प्रैक्टिस को फॉलो करना चाहिए, जहां EVM के बजाय बैलेट पेपर का उपयोग किया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि EVM ‘लोकतंत्र के लिए खतरा’ हैं. एलन मस्क जैसी प्रमुख हस्तियों ने भी EVM से छेड़छाड़ पर चिंता व्यक्त की है. इस पर बेंच ने पूछा,
"आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं होना चाहते?"
रिपोर्ट के मुताबिक पॉल ने चुनाव आयोग को ये निर्देश देने की भी मांग की थी कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को धन, शराब जैसी चीजें वितरित करने का दोषी पाए जाने पर उम्मीदवारों को कम से कम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाए.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या कहा था?इससे पहले अक्टूबर में महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों की तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने EVM को सुरक्षित और मजबूत बताया था. जब मुख्य चुनाव आयुक्त से EVM से जुड़ा सवाल दोबारा पूछा गया तो उन्होंने कहा,
"मतलब कितनी बार? खैर!"
पिछले 10-15 चुनावों के परिणामों का हवाला देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि जब परिणाम आपके पक्ष में न हों तो आप सवाल उठाने लगें.
वीडियो: EVM की बैटरी वाले सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या बताया?