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मणिपुर पहुंची सुप्रीम कोर्ट के जजों की टीम, एक जज कुकी इलाके में नहीं जा पाए, पता है क्यों?

Manipur News: सुप्रीम कोर्ट के प्रतिनिधिमंडल में शामिल Justice N Kotiswar Singh कुकी बहुल चुराचांदपुर जिले का दौरा नहीं कर पाए. क्योंकि वहां वकीलों के एक संगठन ने आपत्ति जताई थी. ऐसा क्यों हुआ? इसपर जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह क्या बोले?

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चुराचांदपुर के राहत शिविर में सुप्रीम कोर्ट के जज. (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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नलिनी शर्मा

सुप्रीम कोर्ट के जजों की एक टीम मणिपुर (Supreme Court Judges in Manipur) के चुराचांदपुर जिले में पहुंची. वहां उन्होंने हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की. इस दल का नेतृत्व जस्टिस बीआर गवई ने किया. जजों ने विस्थापित लोगों को ये भरोसा दिया कि मणिपुर की स्थित में जल्द ही सुधार आएगा. 

जस्टिस बीआर गवई ने पीड़ितों से कहा,

“मणिपुर में जल्द शांति वापस आएगी. देश के संविधान पर भरोसा रखिए. सरकार, संसद और न्यायपालिका, तीनों मिलकर मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं. एक दिन हम इस हालात से जरूर उबरेंगे."

जजों ने जिले के राहत शिविरों का दौरा किया. उन्होंने वर्चुअली (ऑनलाइन तरीके से) कानूनी सहायता शिविरों, लीगल एड क्लीनिक और अस्थायी मेडिकल सुविधाओं की शुरुआत की. इसके बाद वे बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कॉलेज में बने एक राहत शिविर में पहुंचे.

चुराचांदपुर नहीं जा पाए जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह

सुप्रीम कोर्ट के प्रतिनिधिमंडल में शामिल जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह मैतेई समुदाय से हैं. वो कुकी बहुल चुराचांदपुर जिले का दौरा नहीं कर पाए. क्योंकि वहां वकीलों के एक संगठन ने आपत्ति जताई थी. इस मामले पर इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने कहा,

हमारा विचार शांति बनाए रखना है. हमें स्थिति को समझना चाहिए. हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे समाज का कोई भी वर्ग और अधिक विचलित हो या भड़के. क्योंकि हम शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं. मुझे कोई पछतावा नहीं है. मुझे यकीन है कि मैं समय आने पर चुराचांदपुर भी जा पाऊंगा. मेरे वहां बहुत सारे अच्छे दोस्त हैं. मैं अपने दोस्तों को वहां बैठे हुए देख सकता हूं. मैं जल्द ही उनसे गले मिलना चाहूंगा.

कुकी छात्र संगठन ने सौंपा ज्ञापन

इस दौरे के दौरान कुकी छात्र संगठन ने न्यायाधीशों को एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के ‘ऑडियो टेप’ पर निष्पक्ष और न्यायसंगत फैसला सुनाया जाए. कुछ महीनों पहले कुछ ऑडियो टेप सामने आए थे. इसके जरिए बीरेन सिंह पर मणिपुर हिंसा में संलिप्त होने के आरोप लगाए गए थे. कुकी छात्रों ने कुछ और मांगें भी रखीं. उन्होंने कहा,

  • इम्फाल में कुकी समुदाय से जुड़े जितने भी मामले पेंडिंग हैं, उन्हें कुकी बहुल जिलों- कांगपोकपी, चुराचांदपुर या गुवाहाटी में ट्रांसफर किया जाए. क्योंकि कुकी समुदाय के लिए इम्फाल आना असंभव हो गया है. 
  • मणिपुर हाईकोर्ट में निष्पक्ष न्यायाधीशों की नियुक्ति हो.
  • छात्रों को स्कूल जाने में सक्षम बनाने के लिए जरूरी सुविधाएं दी जाएं.
  • चुराचांदपुर में एससीसी के एग्जाम सेंटर को फिर से शुरू किया जाए.

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"PM मोदी मणिपुर का दौरा क्यों नहीं करते?"

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस दौरे पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ये एक अच्छी पहल है. उन्होंने आगे कहा,

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश मणिपुर में हैं. ये अच्छी बात है. मणिपुर में 60 हजार लोग विस्थापित हुए हैं और सैकड़ों लोग मारे गए हैं. समाज में भय का माहौल है. प्रधानमंत्री मणिपुर का दौरा क्यों नहीं करते? वो इसका जवाब नहीं देते. राष्ट्रपति शासन इतनी देरी से क्यों लगाया गया? इसका भी कोई जवाब नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट के जज 23 मार्च को मणिपुर हाईकोर्ट के एक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे. मई 2023 के बाद से मणिपुर हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. 

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