उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड को लेकर सीतापुर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. इस हत्याकांड में पांच लोग शामिल थे, जिनमें से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनमें कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी और उसके दो परिचित शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक राघवेंद्र ने पुजारी को एक ‘लड़के का यौन शोषण’ करते देख लिया था. इस वजह से उसने उनकी हत्या का प्लान बनाया. घटना में गोली चलाने वाले दो शूटर अभी फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. इसके लिए क्राइम ब्रांच की तीन टीमों के अलावा एसटीएफ की सात टीमें लगाई गई हैं.
सीतापुर हत्याकांड: मृतक पत्रकार ने आरोपी पुजारी को नाबालिग का 'यौन शोषण' करते देखा था
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीतापुर में राघवेंद्र बाजपेई नाम के पत्रकार की हत्या के मामले में सनसनीखेज जानकारियां दी हैं. उसने बताया है कि हत्या से पहले मृतक पत्रकार ने आरोपी पुजारी को एक लड़के का 'यौन शोषण' करते देख लिया था. इसके बाद ही उनकी हत्या का प्लान बनाया गया.

बीती 8 मार्च को पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर हेमपुर रेलवे ओवरब्रिज के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसका बाद मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए एसटीएफ के साथ सीतापुर पुलिस की 12 टीमें लगाई गई थीं और सीन रीक्रिएशन भी कराया गया था. पुलिस ने मामले में धान खरीद और अवैध संबंध सहित पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर और उसके करीबियों की संलिप्तता के एंगल से भी जांच की.
पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी कैमरों में दो लोग कारेदेव बाबा मंदिर और राघवेंद्र के घर के आसपास संदिग्ध रूप से घूमते नजर आए. पुलिस को जब इन पर शक हुआ तो उसने शूटरों के स्केच बनवाए.
पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने इस हत्याकांड के बारे में पूरी जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि कारेदेव बाबा मंदिर का पुजारी ही पत्रकार की हत्या का दोषी निकला. उन्होंने बताया कि पुजारी का नाम शिवानंद उर्फ विकास राठौर उर्फ विकास मिश्रा है. अधिकारी ने बताया,
“राघवेंद्र के हाथ शिवानंद बाबा के कुछ ऐसे राज लग गए थे जिससे उसकी काफी बदनामी होती. उन्होंने पुजारी को एक किशोर के साथ यौन शोषण करते देख लिया था. इसका जिक्र शिवानंद ने अपने करीबी निर्मल सिंह से किया. निर्मल सिंह ने असलम गाजी की मदद से दो शूटरों को राघवेंद्र की सुपारी दी. इसके बाद रेकी कर शूटरों ने राघवेंद्र की हत्या कर दी.”
पुलिस ने मामले में पुजारी शिवानंद बाबा, उसके करीबी निर्मल सिंह और असलम गाजी को गिरफ्तार किया है. अधिकारी ने बताया कि बाबा ने शूटरों को हत्या करने के लिए 4 लाख रुपये दिए थे. बकौल चक्रेश मिश्र,
“विकास ने बीच-बीच में मंदिर आने वाले दो अपराधियों से संपर्क किया. इन दोनों के नाम निर्मल सिंह और असलम गाजी हैं. विकास ने आरोपियों से पैसे के एवज में राघवेंद्र की हत्या करने को कहा. पुजारी विकास ने इन लोगों को संपर्क करने के लिए राहगीरों के मोबाइल के माध्यम से संपर्क किया, जिससे कि उस तक घटना न जुड़ सके. विकास ने इन दोनों आरोपियों को कुल 4 लाख रुपये नगद दिए. इसके बाद इन आरोपियों ने विकास से अपना नंबर डिलीट करवाया. भरोसा दिलाया कि एक महीने के अंदर राघवेंद्र को रास्ते से हटा दिया जाएगा. विकास भी घटना के इंतजार में राघवेंद्र से मधुर संबंध रखने लगा, ताकि मृतक राघवेंद्र को कोई शक न हो.”
6 मार्च की शाम राघवेंद्र, विकास, रमाकान्त अपने कुछ अन्य साथियों के साथ खीरी में एक रासलीला कार्यक्रम देखने के लिए गए. जहां पर विकास की मुलाकात कोमल मिश्रा नामक व्यक्ति से हुई, जो रासलीला में कलाकार था. पुलिस के मुताबिक विकास इसके बाद कोमल से भी संबंध बनाने का प्रयास करने लगा. 8 मार्च की सुबह 10 से 12 बजे के बीच विकास ने राघवेंद्र को किसी बहाने से मंदिर बुलाया. इसी दिन मंदिर से वापस जाते वक्त दोपहर 3 बजे राघवेंद्र की हत्या कर दी गई.
अब पुलिस मामले में फरार शूटरों की तलाश कर रही है. अधिकारी ने बताया कि फरार शूटर आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं, और सीतापुर के ही रहने वाले हैं. पुलिस ने निर्मल के पास से 17 हजार रुपये और असलम गाजी के पास से 15 हजार रुपये बरामद किए हैं. तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन भी पुलिस ने रख लिए हैं.
वीडियो: UP के सीतापुर में पत्रकार की गोली मारकर हत्या, धान खरीदी घोटाले का पर्दाफाश किया था