उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक हिंदी दैनिक अखबार के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई (Raghvendra Bajpai Murder) की हत्या कर दी गई थी. यह घटना इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र में हुई थी. बदमाशों ने पहले उनकी बाइक में टक्कर मारी और फिर तीन गोलियां दाग दीं. कुछ देर बाद जब लोगों ने देखा तो इसे रोड एक्सीडेंट मानकर राघवेंद्र बाजपेई को जिला अस्पताल ले गए. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उनके शरीर पर गोलियों के निशान पाए. पता चला कि ये कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि एक मर्डर है. और अब इस हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों का नाम शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर है. विकास राठौर एक पुजारी है. विकास ने ही इस हत्या की सुपारी दी थी. बाकी दो आरोपियों का नाम निर्मल सिंह और असलम गाजी है. अब आरोपी शिवानंद बाबा ने बताया है कि उसने पत्रकार की हत्या क्यों कराई थी?
'ब्लैकमेल किया, 20 लाख की डिमांड की... ', आरोपी बाबा ने बताया क्यों कराई पत्रकार राघवेंद्र की हत्या?
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है. मुख्य आरोपी का नाम शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर है. इसी ने हत्या की सुपारी दी थी. अब आरोपी शिवानंद बाबा ने बताया है कि उसने पत्रकार की हत्या क्यों कराई थी? इसका वीडियो भी पुलिस ने जारी किया है.

इसे लेकर पुजारी विकास के कबूलनामे का वीडियो सामने आया है. वीडियो में वो बता रहा है,
मंदिर में बहुत से लोग दर्शन करने आते हैं जिसमें पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई भी आया करते थे. इसी दौरान उनसे दोस्ती हुई. 2 महीने पहले एक व्यक्ति के साथ उन्होंने मेरी आपत्तिजनक फोटो खींच ली. इसके बाद वो मुझे ब्लैकमेल करने लगे.
आरोपी आगे कहता है..
पुलिस ने बताया कैसे खुला केसउन्होंने 20 लाख की डिमांड की. मैंने कुछ पैसे जोड़कर उन्हें दिए तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि 20 लाख ही लेंगे. इसपर मैंने उनको रास्ते से हटाने का प्लान बनाया. मंदिर में ही रहने वाले एक लड़के को मैंने 4 लाख रुपये दिए. उसने कहा कि काम हो जाएगा. फिर खबर आई कि उनका एक्सीडेंट हुआ है. लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें गोली मार दी गई है.
बीती 8 मार्च को पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर हेमपुर रेलवे ओवरब्रिज के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए एसटीएफ के साथ सीतापुर पुलिस की 12 टीमें लगाई गई थीं और सीन रीक्रिएशन भी कराया गया था. पुलिस ने मामले में धान खरीद और अवैध संबंध सहित पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर और उसके करीबियों की संलिप्तता के एंगल से भी जांच की.
पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी कैमरों में दो लोग कारेदेव बाबा मंदिर और राघवेंद्र के घर के आसपास संदिग्ध रूप से घूमते नजर आए. पुलिस को जब इन पर शक हुआ तो उसने शूटरों के स्केच बनवाए.
जांच के दौरान इस हत्याकांड में पांच लोगों के शामिल होने का पता लगा, जिनमें से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनमें कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा और उसके दो परिचित शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक राघवेंद्र ने पुजारी को एक ‘लड़के का यौन शोषण’ करते देख लिया था. इस वजह से उसने उनकी हत्या का प्लान बनाया. घटना में गोली चलाने वाले दो शूटर अभी फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. इसके लिए क्राइम ब्रांच की तीन टीमों के अलावा एसटीएफ की सात टीमें लगाई गई हैं.
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