उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले की जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी. इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई. अब समाजवादी पार्टी इन मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की आर्थित सहायता देगी (Samajwadi Party on Sambhal violence victims). वहीं, सपा ने यूपी सरकार से भी इन मृतकों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है. वहीं, सपा डेलीगेशन के संभल जाने के प्रोग्राम को भी फिलहाल के लिए रद्द किया गया है.
संभल हिंसा के मृतकों के परिवार को सपा देगी 5-5 लाख का मुआवजा, सपा नेताओं का दौरा क्यों हुआ रद्द?
Sambhal Violence Update: Samajwadi Party की तरफ़ से घोषणा की गई है कि वो मृतकों को 5-5 लाख रुपये देगी. वहीं, सपा सांसद रुचि वीरा ने बताया कि Akhilesh Yadav ने सपा डेलीगेशन के संभल ना जाने का फ़ैसला किया है. इसकी वजह भी बताई गई है.
सपा की तरफ़ से इन मौतों को BJP सरकार और प्रशासन की नाकामी बताई गई है. इसे लेकर समाजवादी पार्टी ने X पर पोस्ट किया. इसमें लिखा,
संभल में हुई हिंसा BJP सरकार और प्रशासन की नाकामी थी. इस नाकामी से हिंसा में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को सपा 5- 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी. यूपी सरकार मृतकों के परिवारों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा दे.
24 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वे करने ASI की टीम पहुंची थी. इसी दौरान हिंसा हुई थी. सर्वे टीम पर पत्थर फेंके गए, जिसके बाद मस्जिद से कुछ मीटर दूर चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई. हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि गोलियां उनके द्वारा नहीं चलाई गईं.
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सपा डेलीगेशन का संभल दौरा रद्दबताया जा रहा है कि संभल जा रहे सपा नेताओं को पुलिस जगह-जगह रोक रही थी. ऐसे में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने संभल में सपा के डेलीगेशन भेजने के प्रोग्राम को स्थगित कर दिया है. मुरादाबाद में सपा सांसद रुचिवीरा ने इसकी जानकारी दी है. रुचिवीरा ने बताया कि सपा का डेलीगेशन अब (फिलहाल आज) संभल नहीं जाएगा. इसके लिए अखिलेश यादव नई तारीख घोषित करेंगे.
मुरादाबाद में रुचिवीरा ने मीडिया से बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने यूपी सरकार से मृतकों के परिवार वालों को 1-1 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग की है. वहीं, मामले की न्यायिक जांच की भी मांग की गई है. उनका कहना है कि इस न्यायिक आयोग में सुप्रीम कोर्ट का कोई वर्तमान जज शामिल हो. बताते चलें, 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. यानी अब निचली अदालत केस की सुनवाई नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मुस्लिम पक्ष इस विवाद को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाए. अब मस्जिद विवाद के केस की सुनवाई हाईकोर्ट करेगा.
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