रूस और यूक्रेन (Russia Ukriane War) के बीच ‘सीजफायर’ एक दिन भी नहीं चला. काफी जतन के बाद अमेरिका (America) ने दोनों देशों के बीच सुलह की शुरुआत कराई थी. तय हुआ था कि रूस और यूक्रेन दोनों ही एक दूसरे के ऊर्जा ठिकानों (Energy Facilities) पर हमले नहीं करेंगे. इस समझौते के एक दिन बाद फिर वही ढाक के तीन पात वाले हालात हो गए हैं. रूस ने यूक्रेन पर सीजफायर के उल्लंघन का आरोप लगाया है. वहीं यूक्रेन ने भी रूस को झूठा बताते हुए कहा कि पहले उसने समझौता तोड़ा है.
'सीजफायर' समझौते के एक दिन बाद ही फिर लड़ पड़े रूस-यूक्रेन
रूस और यूक्रेन के बीच सीजफायर एक दिन भी नहीं चल पाया! दोनों देशों ने एक दूसरे पर समझौता तोड़ने का आरोप लगाया है. रूस ने कहा कि यूक्रेन ने हमारे ऊर्जा ठिकानों पर हमला किया. यूक्रेन का आरोप है कि रूसी हमले की वजह से 67 हजार लोगों की बिजली कट गई.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के रक्षा मंत्रालय की ओर कहा गया कि सीजफायर का एक दिन भी नहीं बीता और यूक्रेन ने रूस के ऊर्जा ठिकानों पर हमले कर दिए. आरोप लगाया गया कि यूक्रेन की सेना ने बुधवार को ब्रांस्क इलाके में एक बिजली साइट पर ड्रोन से हमला किया. इसी इलाके में अगले दिन भी तोपखाने से बम बरसाए गए. इतना ही नहीं, क्रीमिया में एक गैस स्टोरेज फेसिलिटी को भी यूक्रेन ने निशाना बनाया है.
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वहीं, यूक्रेन की सेना ने रूस के इन दावों को ‘झूठा’ बताकर खारिज कर दिया. एनडीटीवी के मुताबिक, एक वरिष्ठ यूक्रेनी अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि रूस ने सीजफायर का उल्लंघन किया है. रूस की ओर से यूक्रेन में गोलीबारी की गई. हां, इसने किसी ऊर्जा ठिकानों को टारगेट नहीं किया था लेकिन इससे ऊर्जा क्षेत्र प्रभावित हुआ है. अधिकारी ने बताया कि खेरसॉन में रूस ने तोप से हमले किए. इस अटैक की वजह से तकरीबन 67 हजार लोगों की बिजली कट गई और उन्हें अंधेरे में रहना पड़ा. यूक्रेन ने कहा कि वह इसे ऊर्जा ठिकानों पर ही हमला मानता है, जो सीजफायर का स्पष्ट उल्लंघन है.
अमेरिका ने कराई थी सुलहबता दें कि इससे पहले अमेरिका ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराई थी. मंगलवार को वाइट हाउस की ओर से कहा गया था कि कीव और मॉस्को ने एक दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमले रोकने पर मंजूरी दी है. सीजफायर की इस मंजूरी से देनों देशों के बीच तीन साल से चल रही जंग की समाप्ति की उम्मीद बंधी थी, लेकिन अब दोनों देशों के ताजा आरोपों ने इस दिशा में संदेह पैदा कर दिया है.
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