राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक का आज (23 मार्च को) आखिरी दिन था. बैठक के समापन के बाद RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने मुस्लिम आरक्षण से लेकर औरंगजेब तक के मुद्दों पर अपनी बात रखी (RSS on Aurangzeb). बेंगलुरू में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश का आइकॉन कोई बाहरी होगा या फिर कोई और, इस पर चिंतन की जरूरत है. इसके अलावा होसबोले ने देश के कई बड़े मुद्दों पर RSS का रुख स्पष्ट किया.
औरंगजेब, मुस्लिम कोटा और वक्फ बिल... इन सब पर RSS का क्या रुख है, सब पता चल गया
RSS Press Conference: बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए RSS के सरकार्यवाह Dattatreya Hosabale ने कहा कि देश का आइकॉन कोई बाहरी होगा या फिर कोई और, इस पर चिंतन की जरूरत है. इसके अलावा देश के कई बड़े मुद्दों पर होसबोले ने संगठन का रुख बताया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि जो लोग गंगा-जमुनी तहजीब की बात करते हैं, उन्होंने औरंगजेब को आइकॉन बनाया. वे लोग उनके भाई दारा शिकोह के बारे में कुछ नहीं बोलते. उन्होंने कहा,
‘दिल्ली में औरंगजेब मार्ग का नाम बदलकर अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया. उसके पीछे कुछ कारण थे. बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति को आदर्श बनाना है या यहां के लोगों का सम्मान करना है ये मसला है.’
वहीं, कर्नाटक में सरकारी कॉन्ट्रैक्ट में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले पर चल रही बहस पर भी दत्तात्रेय ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि जातिगत आरक्षण सभी राज्य सरकारें देती हैं. लेकिन धर्म पर आधारित रिजर्वेशन के पक्ष में बी.आर. आंबेडकर भी नहीं थे.
वक्फ विधेयक 2024 और परिसीमनवक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर RSS महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा,
‘सरकार ने वक्फ के लिए एक आयोग बनाया है. हम देखेंगे कि वे क्या लेकर आते हैं. अब तक जो भी हुआ है, वह सही दिशा में हुआ है... हम देखेंगे…’
वहीं, डिलिमिटेशन पर बोलते हुए दत्तात्रेय ने कहा, “जनगणना शुरू होने दीजिए, उसके बाद हम देखेंगे.”
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BJP अध्यक्ष के सवाल परBJP अध्यक्ष के सवाल पर दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि अगर संघ के किसी व्यक्ति या कार्यकर्ता को मेरिट के आधार पर राजनेता नियुक्त किया जाता है तो उसमें कुछ गलत नहीं है. संघ की इसमें कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा,
‘अध्यक्ष बनाने में हमारी कोई भूमिका या हस्तक्षेप नहीं है, ये उनका काम है वो करेंगे. जहां तक प्रचारक भेजने का सवाल है ऐसा कोई नियम नहीं है. अगर वो मांगेंगे तो विचार करेंगे. हम सिर्फ BJP के लिए प्रचारक भेजने का काम नहीं करते हैं. कई और संगठन है जो प्रचारक मांगते हैं और हम भेजते हैं.’
RSS के 100 साल पूरे होने पर दत्तात्रेय ने कहा कि RSS ने कभी भी वर्षगांठ नहीं मनाई. लेकिन ये आत्मचिंतन करने का समय है.
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