राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने औरंगजेब की कब्र के मुद्दे को अनावश्यक बताया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि औरंगजेब की मौत यहां हुई थी, इसलिए उसकी कब्र बनाई गई. उन्होंने कहा कि यह भारत की उदारता और समावेशिता को दर्शाता है. उन्होंने आगे कहा कि ‘जिनकी श्रद्धा है, वे उस कब्र पर जाएंगे.’
"औरंगजेब की कब्र पर विवाद गैर-जरूरी, भारत की समावेशिता को दिखाता है", RSS का बड़ा बयान
RSS के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने भैयाजी जोशी की बात का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि औरंगजेब का वर्तमान समय में मुद्दा अप्रासंगिक है.

नागपुर में सोमवार, 31 मार्च को RSS के कार्यकारी समिति के सदस्य सुरेश भैयाजी जोशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
"औरंगजेब की कब्र का विषय अनावश्यक उठाया गया है. उसकी मृत्यु यहां हुई, तो उसकी कब्र यहां बनी हुई है. जिनकी श्रद्धा है, वे जाएंगे. हमारे लिए तो छत्रपति शिवाजी का आदर्श है. उन्होंने अफजल खान की कब्र बनवाई थी. यह भारत की उदारता और समावेशिता का प्रतीक है. कब्र बनी रहेगी. जो भी जाना चाहेगा, वह जाएगा."
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक RSS के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने जोशी की बात का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि औरंगजेब का वर्तमान समय में मुद्दा अप्रासंगिक है. हालांकि RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की राय इससे थोड़ी अलग रही. 23 मार्च को उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा था कि जो लोग गंगा-जमुनी तहज़ीब की बात करते हैं, उन्होंने औरंगजेब को आइकॉन बनाया. वे लोग उनके भाई दारा शिकोह के बारे में कुछ नहीं बोलते. उन्होंने आगे कहा,
"दिल्ली में औरंगजेब मार्ग का नाम बदलकर अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया. उसके पीछे कुछ कारण थे. बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति को आदर्श बनाना है या यहां के लोगों का सम्मान करना है, यह मसला है."
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दत्तात्रेय होसबोले ने आगे वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर कहा था कि सरकार ने वक्फ के लिए एक आयोग बनाया है. उन्होंने कहा कि अब तक जो भी हुआ है. वह सही दिशा में हुआ है.
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