मध्य प्रदेश के रीवा ज़िले में एक महिला ने अस्पताल प्रशासन से अपने मृत पति के स्पर्म की डिमांड रख दी (Rewa wife demands to preserve sperm). महिला के पति एक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां उनकी मौत हो गई. लेकिन पत्नी ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जाने से रोक दिया. उसकी मांग थी कि स्पर्म प्रिजर्व किया जाए. लेकिन मौत को 24 घंटे हो चुके थे. ऐसे में डॉक्टरों ने इससे मना कर दिया. बहरहाल, अधिकारियों के मान-मुनौअल के बाद महिला शव ले जाने के लिए मान गई है.
मृत पति का स्पर्म सुरक्षित रखने पर अड़ गई महिला, दो दिन तक नहीं होने दिया पोस्टमार्टम
Rewa wife sperm demand: अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जब तक स्पर्म को संरक्षित (Preserve) रखे जाने की मांग की गई, तब तक 24 घंटे हो चुके थे. वहीं, महिला ने आरोप लगाया कि उन्होंने हादसे के कुछ घंटों के बाद ही स्पर्म संरक्षित करने की मांग रख दी थी, इसके बावजूद लापरवाही बरती गई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 19 नवंबर को नेहा सिंह नाम की महिला के पति जितेंद्र सिंह गहरवार का एक्सीडेंट हो गया. दोनों सीधी ज़िले के रहने वाले हैं. इलाज के लिए उन्हें रीवा के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनकी मौत हो गई. बाद में नेहा सिंह ने अपने मृत पति के स्पर्म की डिमांड रखी. क्योंकि हादसे के वक़्त वो मौक़े पर मौजूद नहीं थीं.
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जब तक स्पर्म को संरक्षित (Preserve) रखे जाने की मांग की गई, तब तक 24 घंटे हो चुके थे. ऐसे में स्पर्म संरक्षित नहीं किया जा सकता. लेकिन नेहा सिंह का आरोप है कि उन्होंने हादसे के कुछ घंटों के बाद ही स्पर्म संरक्षित करने की मांग रख दी थी, इसके बावजूद लापरवाही बरती गई. आजतक की ख़बर के मुताबिक़, महिला की शादी 4 महीने पहले ही हुई थी.
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पत्नी नेहा सिंह ने अस्पताल में हंगामा भी मचाया. उन्होंने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने से भी मना किया. बाद में डॉक्टर्स और पुलिस ने नेहा सिंह को काफ़ी समझाया. इसके बाद वो मान गई और 2 दिन बाद पोस्टमॉर्टम हो पाया. पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिवार वालों को सौंप दिया गया. अस्पताल में फ़ॉरेंसिक डिपार्टमेंट के प्रमुख (HOD) डॉ. रजनीश कुमार पांडेय का कहना है कि मृत व्यक्ति के शरीर से स्पर्म को 24 घंटे के भीतर प्रिजर्व करना जरूरी होता है.
क्योंकि इससे ज़्यादा समय बीतने के बाद स्पर्म प्रिजर्व नहीं किया जा सकता. मेडिकल कॉलेज में इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए इसके अलावा किसी प्रकार की सुविधा नहीं है. वहीं, संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल के असिस्टेंट सुप्रीटेंडेंट डॉक्टर अतुल सिंह का कहना है कि पत्नी ने पति की याद में पूरी जिंदगी बिताने का फ़ैसला किया और वो स्पर्म की मांग कर रही थीं. लेकिन समय ज़्यादा होने की वजह से ये संभव नहीं था. फिलहाल, शव को परिवार वालों को सौंप दिया गया है.
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