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डिजिटल फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए बदलेंगी बैंकों की वेबसाइटें, पता है होने क्या वाला है?

RBI ने सभी भारतीय बैंकों के लिए विशेष इंटरनेट डोमेन की घोषणा की है. यह कदम डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. लेकिन ऐसा करने से फ्रॉड कैसे रुकेगा?

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RBI ने नई घोषणा की है. (सांकेतिक तस्वीर-आजतक)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी भारतीय बैंकों के लिए अलग से इंटरनेट डोमेन लाने की घोषणा की है. इस एक्सक्लूसिव इंटरनेट डोमेन का नाम 'bank.in' है. (RBI launch bank.in) डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है. कहा जा रहा है कि इसके जरिए डिजिटल सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और फाइनेंशियल फ्रॉड पर अंकुश लगेगा.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार, 7 फरवरी को RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक की. इस बैठक में देशभर में लगातार बढ़ते साइबर फ्रॉड को लेकर चर्चा हुई. इसके बाद RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एक्सक्लूसिव डोमेन 'bank.in' की घोषणा की.

RBI ने अपने लेटेस्ट नोटिफिकेशन में कहा,

"RBI भारतीय बैंकों के लिए 'bank.in' विशेष इंटरनेट डोमेन लागू करेगा. इस डोमेन का पंजीकरण इस वर्ष अप्रैल से शुरू होगा. इससे बैंकिंग धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलेगी. इसके बाद वित्तीय क्षेत्र के लिए 'fin.in' डोमेन लाया जाएगा."

RBI के मुताबिक अप्रैल 2025 से सभी भारतीय बैंकों को 'bank.in' डोमेन के तहत काम करना अनिवार्य कर दिया जाएगा. इससे ग्राहकों को लीगल बैंकिंग वेबसाइट और नकली वेबसाइट के बीच अंतर करने में मदद मिलेगी. इससे डिजिटल धोखाधड़ी में कमी आएगी.

RBI ने आगे बताया,

"बैंकिंग और भुगतान प्रणाली में डिजिटल सुरक्षा बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक विभिन्न उपाय कर रहा है. घरेलू डिजिटल भुगतानों के लिए Additional Authentication Factors (AFA) की शुरुआत की गई है. इससे ऑनलाइन बैंकिंग का सुरक्षा तंत्र मजबूत होगा. इसके अलावा, ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय डिजिटल भुगतान में भी AFA का विस्तार किया जाएगा."

RBI ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को साइबर जोखिम से बचने और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं.

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