यू-ट्यूबर रणबीर इलाहाबादिया (Ranveer Allahbadia) और कॉमेडियन समय रैना (Samay Raina). इंडियाज़ गॉट लेटेंट (India’s Got Latent) में किए गए ऑपत्तिजनक कॉमेंट के बाद से दोनों चर्चा में हैं. या कहें कि सोशल मीडिया पर चल रहे बहस-मुबाहिसा के केंद्र में हैं. ऐसे में इस पर भी चर्चा तेज़ हो गई है कि आख़िर कॉन्टेंट क्रिएटर्स अश्लीलता और डार्क ह्यूमर परोसते क्यों हैं? ऐसे टॉपिक्स को टारगेट करते हुए मज़ाक बनाना, जिसे लेकर लोग असहज हो जाएं. इसके पीछे उनकी सोच क्या होती है?
कॉमेडी के नाम पर अश्लीलता क्यों परोसते हैं क्रिएटर्स? मनोविज्ञान और कमाई का खेल समझ लीजिए
Ranveer Allahbadia Samay Raina income: ऐसे टॉपिक्स को टारगेट करते हुए मज़ाक बनाना, जिसे लेकर लोग असहज हो जाएं. आख़िर कॉन्टेंट क्रिएटर्स अश्लीलता और डार्क ह्यूमर परोसते क्यों हैं?

आजतक से जुड़े पन्ना लाल अपनी रिपोर्ट में बताते हैं कि ये सब क्रिएटर्स जानबूझकर करते हैं. उनका कहना है कि इन कॉन्टेंट क्रिएटर्स के ऑनलाइन प्रोडक्ट का एक ट्रेंड है कि अश्लीलता और डार्क ह्यूमर को न्यू नॉर्मल बना दो. ऐसे टॉपिक्स को उठाकर लोगों को गुदगुदाया जाता है, भड़काया जाता है.
ताकि इन सस्ते कॉन्टेंट के बदले में कंट्रोवर्सी, सोशल सनसनी, गॉशिप और ढेर सारे पैसे मिल सकें. क्योंकि सोशल मीडिया पर पैसे कमाने का पैरामीटर कॉन्टेंट को ज़्यादा व्यू, लाइक, कॉमेंट और शेयर मिलना होता है. इसी के आधार पर कमाई तय होती है और कॉन्टेंट की क्वालिटी पर ध्यान कम ही दिया जाता है.
पन्ना लाल आगे लिखते हैं कि एडल्ट या उत्तेजक कॉन्टेंट आसानी से वायरल हो जाता है. क्योंकि ये मानव मस्तिष्क की जिज्ञासा और कामुकता को उत्तेजित करता है. कॉन्टेंट क्रिएटर्स इस मांग का फ़ायदा उठाकर अपनी व्यूअरशिप और सब्सक्राइबर बेस बढ़ाते हैं.
Ranveer Allahbadiaरणवीर इलाहाबादिया के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए हम पहुंचे उनकी वेबसाइट BeerBiceps पर. इस वेबसाइट में दी गई जानकारी के मुताबिक़, रणवीर अपने परिचय में लिखते हैं- My life mantra is to explore the unexplored. यानी मेरी ज़िंदगी का का मंत्र है ऐसी चीज़ों को एक्सप्लोर करना, जो अब तक एक्सप्लोर नहीं हुई हैं.'
वेबसाइट में आगे बताया गया कि वो एक उद्यमी, यू-ट्यूबर, पॉडकास्टर और कॉन्टेंट क्रिएटर हैं. एक आम इंज़ीनियरिंग स्टूडेंस से लेकर 7 यू-ट्यूब चैनल और 3 सफल स्टार्ट-अप्स शुरू कर चुके हैं. इनमें उनके 12 मिलियन यानी 1.20 करोड़ फ़ॉलोअर्स हैं.
रिपोर्ट्स बताती हैं कि 2019 में उन्होंने अपना यू-ट्यूब चैनल बीयरबाइसेप्स लॉन्च किया था. कोरोना के चलते लॉकडाउन आया. दुनिया घरों में कैद हो गई. चूंकि लोगों के हाथों में मोबाइल था, तो जाहिर है उनके पास ढेर सारा समय भी था. ऐसे में उनके पॉडकास्ट ख़ूब देखे गए.
बाद में उन्होंने अपने चैनल में प्रियंका चोपड़ा, आयुष्मान खुराना, सौरभ गांगुली, रोहित शेट्टी समेत कई मशहूर हस्तियों के साथ पॉडकास्ट में इंटरव्यू किया. रक्षा, इतिहास और आध्यात्म से जुड़े लोग भी उनके प्लेटफॉर्म पर पहुंचे.
Samay Rainaरणवीर इलाहाबादिया की तरह की समय रैना भी इंजीनियरिंग स्टूडेंट हैं. बताया जाता है कि उन्होंने 16 साल की उम्र से ही कॉमेडी स्टार्ट कर दी थी. वो तब से अपने वीडियोज़ यू-ट्यूब पर डालते थे. इसके अलावा वो चेस खेलते हैं, जिसके वीडियोज़ भी उनके यू-ट्यूब चैनल पर पड़े हैं.
जून, 2024 में समय ने इंडियाज़ गॉट लेटेंट नाम से एक शो लॉन्च किया. कथित डार्क कॉमेडी या कई लोगों की मानें, तो अश्लीलता वाला ये शो युवाओं में तेज़ी से फैला. मीडिया रिपार्ट्स के मुताबिक़, समय ने इंडियाज़ गॉट लेटेंट नाम का एक ऐप भी लॉन्च किया, जो एप्पल ऐप और गूगल प्ले स्टोर पर चार्ट में सबसे ऊपर रही.
समय के चैनल पर 7.41 मिलियन से ज़्यादा सब्सक्राइबर्स हैं और इंस्टाग्राम पर 6 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं. समय का कंटेस्टेंट को रोस्ट करना, उनके साथ मजाक करना, उनकी फंतासी को पब्लिक करने पर मजूबर करना और अनफ़िल्टर्ड ह्यूमर का इस्तेमाल, ये सब दर्शकों को काफ़ी पसंद आया.
कितनी कमाई?आजतक ने रिपोर्ट्स के हवाले से बताया है कि रणबीर यू-ट्यूब से हर महीने 35 लाख रुपये कमाते हैं. वेबसाइट कोइमोई के मुताबिक़, रणवीर इलाहाबादिया की नेटवर्थ 60 करोड़ है. इनमें उनके कई बड़े ब्रांड्स के साथ काम करने और स्पॉन्सर्ड कॉन्टेंट के ज़रिए हुई उनकी कमाई भी शामिल हैं.
वहीं, आजतक की रिपोर्ट बताती है कि समय रैना की यू-ट्यूब से महीने की कमाई लगभग 1.5 करोड़ रुपये है. ये विज्ञापनों, सब्सक्राइबर्स, और सुपरचैट (लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान दर्शकों द्वारा दिए गए डोनेशन) से होने वाली इनकम होती है.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: कैसे फंसे रणवीर इलाहाबादिया और समय रैना?
