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नरेश मीणा गिरफ्तार, SDM को थप्पड़ मारने का था आरोप, टोंक में हिंसा जारी

Rajasthan के टोंक में निर्दलीय उम्मीदवार Naresh Meena के समर्थकों ने जमकर उपद्रव किया. घरों में घुसकर तोड़फोड़ की. और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने इस मामले में अब तक 60 लोगों को हिरासत में लिया है.

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राजस्थान के टोंक जिले में जमकर बवाल हुआ है. ( ANI)

राजस्थान के टोंक के समरावता गांव से नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से बवाल शुरू हो गया है. मीणा के समर्थकों ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया. और उन्हें रोकने की कोशिश के लिए चक्काजाम किया. और समरावता गांव की सड़क पर टायर जलाए. लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं. समरावता में मचे बवाल को थामने के लिए जयपुर से पुलिस की पांच और अजमेर से तीन कंपनियां बुलाई गई हैं. और पूरे इलाके में पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है.

इससे पहले 13 नवंबर को भी समरावता में हिंसा हुई थी. जिसके बाद पुलिस ने 60 लोगों को हिरासत में लिया था. दरअसल 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहा था. इस दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने SDM को थप्पड़ जड़ दिया. जिसके बाद देर शाम पुलिस और उनके समर्थकों में झड़प हो गई. और नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया. और आसपास मौजूद गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया. और आंसू गैस के गोले छोड़े.  इस घटना में 15 पुलिसवाले घायल हुए हैं.  साथ ही कई ग्रामीणों के भी घायल होने की खबर है. 

इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक नरेश मीणा के समर्थकों ने 24 बड़े वाहनों और लगभग 48 दो पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया. साथ ही कई मकानों में तोड़फोड़ किए जाने की भी खबर है.

SDM को थप्पड़ जड़ने के बाद बवाल

राजस्थान में 13 नवंबर को सात विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हुई. इनमें से एक सीट देवली-उनियारा भी है. यहां से कांग्रेस के बागी नरेश मीणा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में थे. नरेश मीणा ने समरावता गांव में चुनाव वोटिंग में धांधली का आरोप लगाया. उनका आरोप था कि ईवीएम मशीन पर उनका चुनाव चिन्ह ठीक से नजर नहीं आ रहा था. इस मुद्दे पर उनकी एसडीएम अमित कुमार चौधरी से बहस हो गई. बहस के दौरान नरेश मीणा ने अपना आपा खो दिया. और SDM को थप्पड़ जड़ दिया.

SDM को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा धरने पर बैठ गए. अनुमान था कि पुलिस वोटिंग खत्म होने के बाद नरेश मीणा को गिरफ्तार कर सकती है. वहीं गिरफ्तारी की संभावना देखते हुए नरेश मीणा ने अपने समर्थकों से समरावता गांव पहुंचने की अपील की. जिसके बाद उनके सैंकड़ों समर्थक वहां जुट गए.

भोजन व गद्दे लाये जाने को लेकर शुरू हुआ विवाद

धरने पर बैठे नरेश मीणा के समर्थकों के लिए पिकअप वैन से भोजन और गद्दे लाए जा रहे थे. पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उनके समर्थक भड़क उठे. और मौके पर मौजूद SP विकास सांगवान से उलझ गए. इसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार करने की कोशिश की. जिसके बाद उनके समर्थकों ने बवाल खड़ा कर दिया. नरेश मीणा तो वहां से बच निकले लेकिन उसके बाद पथराव और आगजनी से हालात पूरी तरह से बेकाबू हो गया.

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SDM को थप्पड़ जड़ने के बाद नरेश मीणा ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा है. उन्होंने बताया कि समरावता गांव के लोग वोट का बहिष्कार कर रहे थे.  यह गांव उनका समर्थक था. इसलिए वो उन लोगों को मनाने पहुंचे थे. इस दौरान SDM वहां जबरदस्ती लोगों से वोट डलवा रहे थे. और उन्होंने एक आंगनवाड़ी महिला और उनके पति से बदतमीजी की. जिसके बाद गुस्से में आकर उन्होंने एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया. 

पुलिस ने नरेश मीणा को उनके गांव समरावता से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने उन पर स्टेट ड्यूटी में बाधा डालने और ऑन ड्यूटी चुनाव अधिकारी पर हमला करने का मुकदमा दर्ज किया है. 

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