राजस्थान की शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET 2025) के दौरान कैंडिडेट्स के जनेऊ उतरवाना दो सरकारी कर्मचारियों को भारी पड़ गया. सरकार ने एक टीचर को सस्पेंड कर दिया है, जबकि एक पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर किया गया है. उम्मीदवारों के जनेऊ उतरवाने की ये घटना REET एग्जाम के दौरान हुई थी. ड्यूटी पर तैनात टीचर और पुलिसकर्मी ने कथित तौर पर नकल रोकने के लिए ऐसा किया था. पेपरलीक की घटनाओं के चलते सरकार ने ही परीक्षा के दौरान कपड़ों के अलावा कुछ भी पहनने पर उसे उतारने के निर्देश दिए थे. मगर कर्मचारियों ने कैंडिडेट्स के जनेऊ ही उतरवा दिए.
REET कैंडिडेट्स के जनेऊ उतरवाने वालों पर कार्रवाई, सरकार बोली- ‘हिंदू प्रतीक का अपमान बर्दाश्त नहीं'
राजस्थान के डूंगरपुर के वसुंधरा गांव निवासी हेमेंद्र जोशी REET 2025 एग्जाम देने के लिए डूंगरपुर के एक निजी कॉलेज गए थे. आरोप है कि यहां पुलिस और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने उनका जनेऊ उतरवा दिया. हेमेंद्र अकेले नहीं थे जिनका जनेऊ उतरवाया गया.

इंडिया टुडे से जुड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के डूंगरपुर के वसुंधरा गांव निवासी हेमेंद्र जोशी REET 2025 एग्जाम देने के लिए डूंगरपुर के एक निजी कॉलेज गए थे. आरोप है कि यहां पुलिस और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने उनका जनेऊ उतरवा दिया. हेमेंद्र अकेले नहीं थे जिनका जनेऊ उतरवाया गया. आरोप लगा कि डूंगरपुर में ही कई एग्जाम सेंटर पर जनेऊ उतरवाने की घटनाएं हुई थीं. आरोप लगा कि एक अन्य कैंडिडेट मयंक पुरोहित को भी परीक्षा सेंटर के बाहर पेड़ के नीचे अपना जनेऊ उतारकर आना पड़ा. बाद में जब वो परीक्षा देकर वापस आए तो उन्हें अपना जनेऊ नहीं मिला.
इंडिया टुडे से जुड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक मामला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तक पहुंचा तो जनेऊ उतारने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. डूंगरपुर के जिस स्कूल में परीक्षा आयोजित की गई थी, उसकी प्राध्यापक और सुंदरपुर केंद्र की फील्ड सुपरवाइजर सुनीता कुमारी को सस्पेंड कर दिया गया. इसके अलावा पुनाली परीक्षा केंद्र पर तैनात हेड कांस्टेबल शिवलाल को लाइन हाजिर कर दिया गया है. सरकार का कहना है कि जनेऊ जैसे ‘पवित्र हिंदू प्रतीक का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’.
जनेऊ उतरवाने का मामला विधानसभा में भी गूंजा. कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया और सरकार पर हमला बोला. सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा, "हमारे मुख्यमंत्री खुद जनेऊधारी पंडित, उनके राज में परीक्षा में जनेऊ उतर गई, पंडित CM के राज में किसी ब्राह्मण का जनेऊ उतर जाए तो बचता क्या है, ये सीएम को बदनाम करने का काम है."
कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि यह कैसी सरकार है जो खुद को हिंदुओ की पार्टी कहती, लेकिन यहां पर हिंदुओं के जनेऊ जैसे प्रतीक भी सुरक्षित नहीं हैं.
दरअसल, राजस्थान में पिछली बार REET परीक्षा का पेपर आउट हो गया था. इसके बाद से लगातार पेपरलीक सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बना हुआ है. इस रोकने के लिए सरकार ने और राजस्थान लोक सेवा आयोग ने सख़्ती के आदेश दिए थे.
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