राजस्थान के अलवर ज़िले के एक सरकारी अस्पताल का वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल है. इसमें एक वार्ड बॉय मरीजों को इंजेक्शन लगाते और बोतल चढ़ाने के लिए ड्रिप लगाते दिख रहा है (Alwar Ward Boy Video). अब अस्पताल प्रशासन ने इसपर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है. वार्ड बॉय को नौकरी से निकाल दिया गया है. इस घटना को लेकर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए हैं.
वार्ड बॉय कर रहा था 'इलाज', वीडियो वायरल हुआ, नौकरी चली गई
Rajasthan Ward boy treating patients video: बताया गया कि घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें अस्पताल परिसर में रील बनाने पर रोक लगाई गई है. ये पूरा मामला है क्या?
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राजस्थान सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस नेता गोपाल केसावत ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर पोस्ट किया. लिखा,
राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की सूरत बदल गई है. अब वार्ड बॉय मरीजों को इंजेक्शन लगा रहे हैं.
घटना राजीव गांधी राजकीय सामान्य अस्पताल की है. दैनिक भास्कर की ख़बर के मुताबिक़, वार्ड बॉय की पहचान अवतार कृष्ण के रूप में हुई है. वीडियो कुछ दिन पुराना है. अब प्रमुख चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ सुनील चौहान ने बताया कि वार्ड बॉय को नौकरी से हटा दिया गया है. इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, उन्होंने बताया,
जैसे ही हमें वायरल वीडियो के बारे में जानकारी मिली, वार्ड बॉय को तुरंत ड्यूटी से हटा दिया गया. वो इमरजेंसी ट्रॉमा वार्ड में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम कर रहा था.
बताया गया कि घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें अस्पताल परिसर में -ख़ासतौर पर इलाज के दौरान- रील बनाने पर रोक लगाई गई है. किसी भी मरीज का इलाज करते हुए वीडियो और फोटो लेने के संबंध में भी गाइडलाइन जारी की गई है.
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CMO सुनील चौहान ने कहा,
मरीजों का इलाज करते समय वीडियो रिकॉर्ड करना या फोटो लेना मरीज की निजता का उल्लंघन है. इसे अपराध माना जाता है. ऐसा करते हुए देखे जाने वाले किसी भी स्टाफ मेंबर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
बताया जाता है कि अस्पताल की ओपीडी में हर दिन लगभग 4,000 मरीज आते हैं. ये अस्पताल दौसा, भरतपुर जैसे आसपास के ज़िलों तथा हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी मरीजों को सेवाएं प्रदान करता है.
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