राजस्थान (Rajasthan) के अलवर में एक रेजिडेंशियल सोसायटी में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. इसमें कांग्रेस के दलित नेता टीकाराम जूली भी आए थे. उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की. आरोप है कि इसके अगले ही दिन भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा मंदिर में गंगाजल छिड़ककर उसे 'शुद्ध' करने लगे. अब इस पर सियासी बवाल मच गया है. ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने इसे दलितों का अपमान बताया है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ये घटना दलितों को लेकर भाजपा की ‘संकुचित सोच’ को दिखाती है.
सोसायटी के राम मंदिर पहुंचे दलित कांग्रेस नेता, BJP के ज्ञानदेव आहूजा ने 'गंगाजल से शुद्धीकरण' कर दिया
हालांकि बीजेपी के नेता ज्ञानदेव आहूजा ने सफाई दी कि उन्होंने ये कदम भगवान राम के प्रति कांग्रेस नेताओं के नजरिए की वजह से उठाया था, इसलिए नहीं कि टीकाराम जूली दलित हैं.
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वहीं ज्ञानदेव आहूजा ने सफाई दी है कि मामले में कोई जातिगत पहलू नहीं है. उन्होंने कहा,
“मैंने मंदिर परिसर को शुद्ध करने के लिए गंगाजल छिड़का है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भगवान राम को 'पौराणिक' बताते हुए कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया था. ऐसे में कांग्रेस नेताओं को ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.”
आहूजा ने सफाई दी कि उन्होंने ये कदम भगवान राम के प्रति कांग्रेस नेताओं के नजरिए की वजह से उठाया था, इसलिए नहीं कि जूली दलित हैं. उन्होंने कहा,
"मैंने मंदिर का शुद्धीकरण इसलिए किया क्योंकि कांग्रेस नेता मानते हैं कि भगवान राम पौराणिक चरित्र थे. उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है. यह कहना गलत है कि मैंने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि वह (जूली) दलित हैं और उन्होंने मंदिर में प्रवेश किया."
वहीं, टीकाराम जूली समेत कांग्रेस के नेता ज्ञानदेव आहूजा पर टूट पड़े हैं. उन्होंने दावा किया कि आहूजा का ये कृत्य दलितों को लेकर भाजपा की मानसिकता का परिचायक है. यह न केवल उनकी आस्था पर हमला है, बल्कि छुआछूत के अपराध को बढ़ावा देने की भी कोशिश है. टीकाराम ने कहा,
"मैंने विधानसभा में दलितों की आवाज उठाई थी. अस्पृश्यता के खिलाफ अभियान चलाने की बात कही थी. लेकिन भाजपा की मानसिकता ऐसी है कि उन्होंने मंदिर को गंगाजल से धोया क्योंकि मैं दलित हूं. मैंने मंदिर में दर्शन किए थे."
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “क्या भाजपा दलितों से इतनी नफरत करती है कि वह हमें पूजा करते हुए भी नहीं देख सकती? क्या भगवान पर केवल भाजपा नेताओं का ही अधिकार है? क्या मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर दलित के मंदिर में दर्शन करने पर उसे धोने का समर्थन करते हैं? उन्हें ये बात साफ करनी चाहिए.”
वहीं मामले पर बोलते हुए पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक्स पर कहा कि विपक्ष के नेता टीकाराम जूली के मंदिर में जाने के बाद भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा गंगाजल छिड़कने की घटना दलितों के प्रति भाजपा की संकीर्ण मानसिकता को दिखाती है. 21वीं सदी में यह अस्वीकार्य है. इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए.
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