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"संभल हिंसा सरकार की साजिश", विपक्षी नेताओं ने गंभीर आरोए लगाए हैं

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वीडियो में दिख रहा है कि सर्वे के लिए आए लोगों ने हिंसा भड़काने वाले नारे लगाए, तीन मुसलमानों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उन्होंने कहा कि यह गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या है.

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विपक्ष ने सरकार को घेरा. (फ़ोटो/इंडिया टुडे)

उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नंवबर को हुई हिंसा (Sambhal violence) को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि यह गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या है. उन्होंने मांग की है कि जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए. वहीं, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि संभल में हुई हिंसा को लेकर सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जिय-उर-रहमान बर्क के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है.

24 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने X अकाउंट पर लिखा है,

“संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना - जिसकी सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है. भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के. मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं. मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें. हम सबको एक साथ जुड़ कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफ़रत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े.”

सपा प्रमुख अखिलेख यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर साजिश रचने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि प्रशासन ने बिना पर्याप्त सूचना के सर्वेक्षण करके अनुचित काम किया. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने सर्वेक्षण पर सवाल उठाने वाले स्थानीय लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया, जिसके कारण पथराव हुआ और जवाबी गोलीबारी हुई. उन्होंने कहा,

"यह सरकार द्वारा करवाया गया दंगा है. अदालत के आदेश के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासन सर्वेक्षण के लिए जामा मस्जिद पहुंचे. 23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने घोषणा की कि अगली सुबह 24 तारीख को दूसरा सर्वेक्षण किया जाएगा. पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया? जब लोगों ने सर्वेक्षण के लिए स्पष्टीकरण मांगा, तो सर्कल अधिकारी ने कथित तौर पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया."

इस घटना पर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि संभल में मस्जिद 50-100 साल पुरानी नहीं है, यह 250-300 साल से अधिक पुरानी है. और अदालत ने मस्जिद के लोगों की बात सुने बिना एकतरफा आदेश पारित कर दिया, जो गलत है. उन्होंने कहा,

"जब दूसरा सर्वे हुआ तो कोई जानकारी नहीं दी गई. लोग जिस सर्वे का दावा कर रहे हैं उसका वीडियो पब्लिक डोमेन में है. इसमें दिख रहा है कि सर्वे के लिए आए लोगों ने हिंसा भड़काने वाले नारे लगाए, तीन मुसलमानों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हम इसकी निंदा करते हैं. यह गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या है. इसमें शामिल अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए और मौजूदा उच्च न्यायालय से इसकी जांच कराई जानी चाहिए कि यह पूरी तरह से गलत है, वहां अत्याचार हो रहा है.''

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आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि वो हिंसा के खिलाफ हैं. यूपी में गोली से न्याय हो रहा है और ये गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जा सकती. उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक साजिश है, जिसका शिकार गरीब लोग बन रहे हैं.

AAP सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि संभल में हिंसा बीजेपी और सरकार द्वारा करवाई गई है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा,

"काशी, मथुरा में सर्वे हुआ था और यहां संभल में सर्वे कैसे हो रहा है? कोर्ट का आदेश जारी किया जा रहा है. डेढ़ घंटे में सर्वे करने के लिए एक टीम आ रही है. आपने उत्तर प्रदेश को हंगामा खड़ा करने के लिए चुना है, नफरत की आग में झोंकने के लिए चुना है. वहां हमेशा हिंसा होगी. पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और जो भी इसमें दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.''

RJD नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस हिंसा पर बयान दिया है. उन्होंने कहा,

''जिस तरह से बीजेपी के लोग यूपी में हंगामा कर रहे हैं, वे देश में हिंसा का माहौल बनाना चाहते हैं. नफरत फैलाना चाहते हैं. और जिस तरह से सरकार पुलिस का दुरुपयोग कर रही है, पुलिस को गुंडों में तब्दील कर दिया गया है, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. बीजेपी न सिर्फ नफरत फैलाई है, ये लोग किसी भी तरह से देश को तोड़ना चाहते हैं. इसीलिए हम सब एकजुट हैं. हम इनके नफरत के मंसूबे को जानते हैं. अगर बिहार में कोई ऐसी कोशिश करेगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे.''

संभल हिंसा पर समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क पर FIR दर्ज की गई है. इस पर उन्होंने कहा है कि जिस दिन हिंसा हुई, उस दिन वे बेंगलुरु में थे.  

चार लोगों की मौत, 24 घंटे के लिए इंटरनेट सस्पेंड

24 नवंंबर को भड़की हिंसा के बाद से अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है. मृतकों की पहचान नईम, बिलाल अंसारी, नौमान और मोहम्मद कैफ के रूप में हुई है. आरोप है कि पीड़ितों को पुलिस की गोली लगने से मौत हुई है, लेकिन पुलिस ने इन आशंकाओं से इनकार करते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार करने को कहा है. वहीं, हिंसा के दौरान 4 बड़े अधिकारियों समेत 24 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

हिंसा के बाद पुलिस ने भारी संख्या में फोर्स को तैनात किया है. इंटरनेट को 24 घंटे के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, 25 नवंबर को कक्षा 12वीं तक के स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है.

वीडियो: संभल की जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम पर पथराव, एसपी ने क्या कहा?