पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटा दिया. साथ ही कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया. इनमें सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल जैसे नेता शामिल हैं. ये कार्रवाई उस वक्त की गई जब वे केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद शंभू और खनौरी की ओर जा रहे थे. सरवन सिंह पंधेर समेत कई किसान नेताओं को बहादुरगढ़ कमांडो ट्रेनिंग सेंटर ले जाया गया है. राज्य के कई इलाकों में एहतियातन इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई है.
पंजाब पुलिस ने डल्लेवाल समेत कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया, शंभू बॉर्डर पर बने तंबू भी हटाए
सरवन सिंह पंधेर समेत कई किसान नेताओं को बहादुरगढ़ कमांडो ट्रेनिंग सेंटर ले जाया गया है. राज्य के कई इलाकों में एहतियातन इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 19 मार्च को दिन में चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच किसानों की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए बैठक हुई थी. ये बैठक बेनतीजा रही. इसके बाद किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर की तरफ कूच कर रहे थे. रास्ते में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. पुलिस ने पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा बनाए गए अस्थायी तंबुओं को भी हटा दिया है.
खनोरी बॉर्डर पर पंजाब पुलिस ने 500 से 700 के करीब किसानों को हिरासत में लिया है. डीआईजी पटियाला रेंज मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि करीब 3000 पुलिस फोर्स वहां मौजूद है. मनदीप ने किसानों से आग्रह किया है कि प्रशासन किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहता है.
वहीं किसान नेताओं पर हुई कार्रवाई पर सियासी प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं. पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा,
"AAP सरकार और पंजाब के लोग किसानों के साथ खड़े थे जब उन्होंने तीन काले कानूनों का विरोध किया था. किसानों की मांगें केंद्र सरकार के खिलाफ हैं. एक साल से ज्यादा हो गया है और शंभू और खनौरी बॉर्डर बंद हैं. पंजाब के व्यापारी, युवा बहुत परेशान हैं. जब व्यापारी व्यापार करेंगे तो युवाओं को रोजगार मिलेगा और वो नशे से दूर रहेंगे. आज की कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि हम चाहते हैं कि पंजाब के युवाओं को रोजगार मिले. हम शंभू और खनौरी बॉर्डर खोलना चाहते हैं. किसानों की मांगें केंद्र सरकार के खिलाफ हैं और उन्हें दिल्ली या कहीं और विरोध प्रदर्शन करना चाहिए, लेकिन पंजाब की सड़कें बंद नहीं करनी चाहिए."
वहीं कांग्रेस ने किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद X पर लिखा,
“सत्ता के नशे में चूर आम आदमी पार्टी ने किसानों के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. पूरे पंजाब में किसान नेताओं को पकड़ा और गिरफ्तार किया जा रहा है. भूख हड़ताल कर रहे किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल को भी पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. किसानों को हर तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है.”
कांग्रेस ने AAP पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों पर की जा रही ये कार्रवाई सरासर गलत है. इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है. पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के सत्ता के नशे को जनता ही उतारेगी.
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी पंजाब पुलिस के किसान नेताओं को हिरासत में लेने की निंदा की. उन्होंने कहा,
"मैं पंजाब सरकार की इस कार्रवाई की निंदा करता हूं. लोगों ने AAP सरकार को वोट दिया है, पंजाब के सीएम भगवंत मान को शर्म आनी चाहिए. AAP सरकार नहीं चाहती थी कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत से कोई समाधान निकले. आपने लुधियाना पश्चिम उपचुनाव जीतने के लिए किसानों को हिरासत में लिया. पंजाब के लोग पंजाब के सीएम भगवंत मान को किसी भी गांव में घुसने नहीं देंगे."
इस बीच 19 मार्च की बैठक को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों से हुई चर्चा सकारात्मक रही. अगली बैठक 4 मई के लिए प्रस्तावित है.
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