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मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा, 9 फरवरी को बीरेन सिंह ने सीएम पद छोड़ा था

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. इससे पहले राज्य के गवर्नर अजय भल्ला ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 10 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र को रद्द कर दिया था. सीएम बीरेन सिंह ने अपनी सरकार के अविश्वास प्रस्ताव और महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण का सामना करने से ठीक एक दिन पहले पद छोड़ दिया था.

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सीएम बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दिया था. (फोटो- PTI)

सीएम एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. सीएम बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दिया था. राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सूचना गृह मंत्रालय ने एक नोटिस जारी करके दिया है. संविधान के अनुच्छेद 174(1) के अनुसार राज्य विधानसभाओं को अपनी अंतिम बैठक के छह महीने के भीतर सत्र बुलाना होता है. मणिपुर में, पिछला विधानसभा सत्र 12 अगस्त, 2024 को आयोजित किया गया था. 12 फरवरी को 6 महीने की समय सीमा खत्म हो गई थी.

इससे पहले राज्य के गवर्नर अजय भल्ला ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 10 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र को रद्द कर दिया था. सीएम बीरेन सिंह ने अपनी सरकार के अविश्वास प्रस्ताव और महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण का सामना करने से ठीक एक दिन पहले पद छोड़ दिया था. मई 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के लगभग दो साल बाद, और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच उनका इस्तीफा आया. विपक्ष लगातार उन्हें हटाने की मांग कर रहा था.

कांग्रेस ने 10 फरवरी को आरोप लगाया था कि विधानसभा में कांग्रेस के नियोजित अविश्वास प्रस्ताव से पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे का उद्देश्य भाजपा को बचाना था, न कि मणिपुर के लोगों को. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा था कि ये फैसला काफी देर से लिया गया. वहीं लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि भाजपा के पास पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने का कोई रोडमैप नहीं है.

CM Biren Singh ने इस्तीफे में क्या लिखा?

राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के दौरान बीरेन सिंह के साथ प्रदेश BJP अध्यक्ष ए शारदा, BJP के मणिपुर प्रभारी संबित पात्रा और कम से कम 19 विधायक मौजूद थे. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है,

मणिपुर के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात रही है. मैं मणिपुर के प्रत्येक व्यक्ति के हितों की रक्षा के लिए समय पर की गई कार्रवाई, हस्तक्षेप, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार का आभारी हूं.

इससे एक दिन पहले ही बीरेन सिंह ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य में शांति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

मणिपुर हिंसा के लिए जनता से माफी मांगी थी

लंबे समय से मणिपुर हिंसा का शिकार रहा है. इसके कारण कुछ समय से बीरेन सिंह को CM पद से हटाए जाने की मांग हो रही थी. दिसंबर 2024, में उन्होंने हिंसा के लिए मणिपुर के लोगों से माफी भी मांगी थी. उन्होंने कहा था,

"ये पूरा साल काफी बुरा रहा. पिछली 3 मई (2023) से राज्य में जो भी हो रहा है. उसके लिए मैं राज्य के लोगों से माफी मांगना चाहता हूं. कई लोगों ने अपने करीबियों को खो दिया. कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया. मुझे इसका खेद है. इसके लिए मैं माफी मांगता हूं. लेकिन पिछले 3 से 4 महीने में राज्य में शांति देखने को मिली है. इससे मुझे उम्मीद है कि नए साल 2025 में राज्य में स्थिति सामान्य हो जाएगी. अतीत में जो हुआ वो हो गया. हमें अब पिछली गलतियों को भूलना होगा. और हमें एक नई जिंदगी की शुरुआत करनी होगी.”

उन्होंने आगे बताया था कि हिंसा में विस्थापित हुए 2058 परिवारों को उनके अपने घरों में फिर से बसाया गया है. इन जगहों में इम्फाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, कांगपोकपी और चुराचांदपुर शामिल हैं. उन्होंने ये भी बताया था कि राज्य में बड़ी मात्रा में लूटे गए हथियारों को बरामद भी किया गया है. 625 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है. और 12,247 FIR दर्ज की गई हैं.

वीडियो: मणिपुर में हुए इस्तीफे की पूरी कहानी