लोकसभा में बजट पेश होने से पहले आज, 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद को संबोधित किया. उन्होंने संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के जॉइंट सेशन में 59 मिनट तक अभिभाषण दिया. राष्ट्रपति ने अभिभाषण की शुरुआत कुंभ हादसे में दुख व्यक्त करते हुए की. उन्होंने कहा- ‘माननीय सदस्यों इस वक्त महाकुंभ भी चल रहा है. वहां हुए हादसे पर दुख प्रकट करती हूं.’ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे केंद्र सरकार की कई योजनाओं की तारीफ की. उनके इस अभिभाषण पर कुछ नेताओं ने विवादित टिप्पणी की है. जिसे लेकर विवाद हो गया है. राष्ट्रपति भवन की ओर से भी इस मसले पर बयान आया है.
राष्ट्रपति के लिए सोनिया गांधी ने 'बेचारी' शब्द बोला, राष्ट्रपति भवन ने भेज दिया हर बात का जवाब
President Budget Speech: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर कुछ नेताओं ने विवादित टिप्पणी की है. जिसे लेकर विवाद हो गया है. राष्ट्रपति भवन की ओर से भी इस मसले पर बयान आया है.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जब कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, ‘अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं. बेचारी वह मुश्किल से बोल पा रही थीं.’ वहीं राहुल गांधी ने कहा, ‘ये भाषण बोरिंग था, बार-बार वही बातें रिपीट हो रही थीं.’
बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा- 'राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं. वे बस लव लेटर पढ़ रही हैं.'
भाजपा ने संविधान का अपमान बतायाभाजपा ने विपक्षी नेताओं की इन टिप्पणियों को संविधान का अपमान बताया है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा,
‘मैं और भाजपा का हर कार्यकर्ता भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के लिए सोनिया गांधी द्वारा ’बेचारी' शब्द के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करता है. '
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा,
राष्ट्रपति भवन का भी बयान आया‘भारत के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च है. ये सीधे तौर पर संविधान का अपमान है. राष्ट्रपति के अभिभाषण के तुरंत बाद उन्होंने जो निम्न स्तर की टिप्पणी की है, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं. ’
इस मामले पर राष्ट्रपति भवन के प्रेस सेक्रेटरी अजय कुमार सिंह की ओर से जारी एक बयान में कहा गया,
‘संसद में आज देश की माननीय राष्ट्रपति जी के द्वारा दिए गए भाषण को लेकर कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने मीडिया में प्रतिक्रिया दी है. इन टिप्पणियों ने साफ़ तौर पर राष्ट्रपति के पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और इसलिए ऐसी टिप्पणियां बिलकुल भी स्वीकार्य नहीं हैं. इनमें कहा गया कि राष्ट्रपति भाषण के अंत में बहुत थक गई थीं और उन्हें बोलना मुश्किल पड़ रहा था.’
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया है,
राष्ट्रपति के अभिभाषण की 10 बड़ी बातें'राष्ट्रपति कार्यालय ये साफ़ करना चाहता है कि राष्ट्रपति भाषण देते हुए किसी भी समय थकी हुई नहीं थीं. उनका तो ऐसा मानना है कि हाशिये पर पड़े समुदायों, महिलाओं और किसानों के लिए बोलना... कभी भी थका देने वाला नहीं हो सकता. राष्ट्रपति कार्यालय का मानना है कि ऐसा हो सकता है कि राष्ट्रपति पर टिप्पणी करने वाले ये नेता हिंदी के मुहावरे और हिंदी के भाषण से परिचित नहीं हैं और इसलिए इन नेताओं ने भाषण को लेकर गलत धारणा बनाई. किसी भी मामले में ऐसी बयानबाजी खराब, दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से नजरअंदाज करने के लायक है.'
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