पीएनबी लोन फ्रॉड केस (PNB Loan Fraud Case) में आरोपी भगोड़े मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया. ईडी और सीबीआई ने बेल्जियम पुलिस से चोकसी की गिरफ्तारी के लिए अनुरोध किया था. अब उसे भारत लाने की कोशिश की जा रही है. इस बीच खबर है कि चोकसी प्रत्यर्पण के खिलाफ बेल्जियम के कोर्ट में अर्जी डालने वाला है. अपनी बीमारी को आधार बनाकर वह प्रत्यर्पण से बचने की तरकीब निकाल रहा है. चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि वह यात्रा करने में सक्षम नहीं है. ऐसे में वह उसकी गिरफ्तारी को चैलेंज करेंगे. साथ ही भारत में प्रत्यर्पण की अर्जी के खिलाफ भी याचिका डालेंगे.
'वो भाग नहीं सकता...', मेहुल चोकसी के वकील ने क्या कुछ कहा, बेल्जियम में कैसे हुई गिरफ्तारी?
भारत के भगोड़े मेहुल चोकसी को बेल्जियम में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसे भारत में जारी दो वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. चोकसी के वकील ने कहा है कि वह उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ अर्जी डालेंगे और उनके प्रत्यर्पण का भी विरोध करेंगे.

सोमवार की सुबह अग्रवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मेडिकल कंडीशन को आधार बनाकर उनकी जमानत के लिए अर्जी डाली जाएगी. उन्हें कैंसर है और इलाज चल रहा है. हम कोर्ट के सामने ये भी दलील देंगे कि चोकसी कहीं भागने वाले नहीं हैं. इसका कोई खतरा नहीं है. वकील ने बताया कि 5 दिन बाद ही मामले की सुनवाई हो सकेगी. तभी वे बेल के लिए अपील दाखिल कर पाएंगे.
कोर्ट में दाखिल की थी रिपोर्टइंडिया टुडे ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, भगोड़े आर्थिक अपराधी मेहुल चोकसी ने पीएमएलए कोर्ट में अपने वकीलों के माध्यम से एक मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया था. इसमें कहा गया था कि वह अगस्त 2024 तक कहीं भी यात्रा नहीं कर सकता है. इसके बाद वह अपने घर से बाहर तक जा सकता है. ऐसे में वह जांच के लिए मुंबई नहीं आ सकता. हालांकि, ईडी ने चोकसी के मेडिकल सर्टिफिकेट की प्रमाणिकता पर संदेह जताया था और उस पर सवाल उठाए थे.
वकील अग्रवाल ने अमर उजाला को बताया कि दो आधारों पर चोकसी के भारत में प्रत्यर्पण को चुनौती दी जाएगी. एक तो ये मामला पॉलिटिकल हो गया है. दूसरा भारत में चोकसी के ठीक इलाज को लेकर चिंता है. अगर, फिर भी उसे प्रत्यर्पित किया जाता है तो उसके मानवाधिकार प्रभावित होंगे. वकील ने दावा किया कि मेहुल चोकसी भारत में कभी भी भगोड़ा नहीं था क्योंकि उसने हमेशा जांच में सहयोग किया है. उसने हमेशा कहा है कि जांच के लिए वह हमेशा तैयार है.
कैसे हुआ गिरफ्तारमेहुल चोकसी पर शिकंजा कसने के लिए भारत के पास इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस नहीं था. ऐसे में सिर्फ यही रास्ता था कि बेल्जियम से प्रत्यर्पण के जरिए चोकसी को भारत लाया जाए. ईडी और सीबीआई के अधिकारियों ने इसके लिए वहां के अधिकारियों से संपर्क किया. चोकसी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट उन्हें भेजे गए. वहां की पुलिस ने भी चोकसी पर निगरानी रखना शुरू कर दिया. जांच की गई और जब पुलिस के हाथ सबूत लगे तो उसे हिरासत में ले लिया गया.
स्विट्जरलैंड भागने की फिराक में थाइंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, चोकसी ने स्विट्जरलैंड के एक अस्पताल हिर्सलैंडन क्लिनिक आराऊ में कैंसर के इलाज के लिए आवेदन किया था. उसने वहां तकरीबन एंट्री भी पा ली थी और अधिकांश जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर चुका था. लेकिन बेल्जियम छोड़ने से पहले उसे एंटवर्प में अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया. उसे बेल्जियम में डिटेंशन सेंटर में रखा गया है. सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय (MEA), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) चोकसी को भारत लाने की कोशिश में जुटे हैं.
वीडियो: भगोड़ा मेहुल चौकसी बेल्जियम में गिरफ्तार, कब होगा प्रत्यर्पण?