बिहार की राजधानी पटना में एक अस्पताल की डायरेक्टर की हत्या (Patna Hospital Director Murder) कर दी गई. अगमकुंआ थाना क्षेत्र में एशिया हॉस्पिटल की डायरेक्टर सुरभि राज अपने चैंबर में थीं. अपराधी उनके चैंबर में घुसे और सात गोलियां चलाईं. घायल अवस्था में उनको उसी अस्पताल के ICU में भर्ती किया गया. पता चला कि उन्हें तीन गोलियां लगी हैं. उनकी हालत और बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें फुलवारी शरीफ स्थित AIIMS में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
धोखे से साफ कराया खून, CCTV बंद, पुलिस को सूचना नहीं... पटना हॉस्पिटल डायरेक्टर की हत्या पर उठ रहे सवाल
Patna के Asia Hospital में डायरेक्टर Surabhi Raj की चेंबर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना के वक्त सारे CCTV बंद थे.

इंडिया टुडे से जुड़े राजेश कुमार झा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना को लेकर एशिया हॉस्पिटल के कर्मचारी भी संदेह के दायरे में हैं. डायरेक्टर को गोली लगने के बाद कई ऐसी चीजें हुईं जिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
- जिस अस्पताल में गोली मारी गई, उसके आसपास कई बड़े अस्पताल हैं. इसके बाद उन्हें 25 किलोमीटर दूर AIIMS में ले जाया गया.
- गोली लगने के तुंरत बाद पुलिस को सूचना नहीं दी गई. मौत के बाद पुलिस को बुलाया गया.
- जब तक पुलिस पहुंचती, हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने खून के निशान साफ करवा दिए थे. इसके कारण डॉग स्क्वॉड और FSL की टीम को मौके से कुछ खास नहीं मिला.
- मृतका के चैंबर के बगल वाले कमरे में कई स्टाफ का ट्रेनिंग सेशन चल रहा था. इसके बावजूद सभी स्टाफ ने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता.
पुलिस के काफी प्रयास के बाद भी अस्पताल के कर्मियों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ दीपक कुमार के हवाले से न्यूज18 ने लिखा कि कर्मचारियों की ट्रेनिंग चल रही थी. इसके लिए मीटिंग होनी थी. जब मीटिंग के लिए डायरेक्टर का चैंबर खोला गया तो वो खून से लथपथ फर्श पर पड़ी थीं. सवाल उठ रहे हैं कि किसी ने गोली चलने की आवाज कैसे नहीं सुनी?
इस मामले में तेतरी देवी के बयान के बाद और भी गंभीर सवालों का उठना लाजिमी हो गया है. तेतड़ी देवी अस्पताल में साफ सफाई का काम करती हैं. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि वो दिन में करीब तीन बजे घर चली गई थीं. तभी हॉस्पिटल के स्टाफ ने उनको फोन किया और कहा कि सुरभि मैडम खून की उल्टियांं कर रही हैं. उनसे कहा कि डॉयरेक्टर का चैंबर खून से भर गया है, उसे साफ करना है.
तेतरी देवी अस्पताल पहुंचीं और चैंबर की सफाई में लग गईं. लेकिन तभी उन्हें वहां गोली के पांच से छह खोखे मिले. उन्होंने वो खोखे हॉस्पिटल मैनेजमेंट को दे दिए. पुलिस ने बताया कि अस्पताल की ओर से उनको ये खोखे दे दिए गए हैं.
सारे CCTV कैमरे बंद क्यों थे?अस्पताल में लगे CCTV कैमरों को लेकर भी सवाल उठे हैं. घटना के वक्त हॉस्पिटल के सारे CCTV कैमरे बंद थे. वहीं, डायरेक्टर सुरभि के चैंबर के आसपास एक भी कैमरा नहीं था. पुलिस अब अस्पताल के आसपास लगे CCTV कैमरों की जांच कर रही है.
इस बीच मृतका के पिता राजेश सिन्हा का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है,
मंत्री Ashok Chaudhary का बयानमैंने उन्हें आईसीयू में देखा. मुझे नहीं पता कि क्या हुआ. मुझे नहीं पता था कि उन्हें गोली लगी थी या नहीं. मुझे बाद में पता चला कि उन्हें गोली लगी है. उनका किसी से कोई विवाद नहीं था... मैं मांग करता हूं कि मामले की जांच हो. उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. CBI जांच होनी चाहिए. इसमें कोई साजिश लगती है…
JDU नेता और बिहार के मंत्री अशोक चौधरी से जब इस घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,
पुलिस मामले की जांच कर रही है. कार्रवाई की जाएगी और अपराधियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा. घटनाएं होती हैं, हम इससे इनकार नहीं कर रहे हैं. ये घटनाएं आपसी विवाद, संपत्ति विवाद और पारिवारिक मुद्दों में हो रही हैं. कोई राजनीतिक संरक्षण वाला संगठित अपराध नहीं है... कार्रवाई की जाएगी और मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) ने भी कहा है कि ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई होगी... लोग अपनी पत्नी और बच्चों को मार रहे हैं. ऐसे लोगों को हम क्या कह सकते हैं. कहीं कोई पति इंग्लैंड से आया और उसे काट दिया गया. ये लोगों की मानसिकता है. घटनाएं हो रही हैं, लेकिन वो आंतरिक विवाद हैं. कोई संगठित अपराध नहीं है. ऐसा कोई अपराधी बिहार में सक्रिय नहीं है, जिसे हम नियंत्रित करने में विफल रहे हैं…
इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा था कि 24 घंटे के भीतर अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने इस मामले को लेकर नीतीश सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि राज्य में कानून का राज खत्म हो गया है.
वीडियो: पटना: ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना पर भड़के तेजस्वी यादव