पहलगाम आतंकी हमले के बाद बीते बुधवार (23 अप्रैल) को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की मीटिंग हुई. फैसला हुआ कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द किए जा रहे हैं. भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर वापस लौटने का आदेश दे दिया गया. अब भारत में मौजूद कुछ पाकिस्तानी नागरिकों के वीडियो सामने आए हैं, जिनमें वो सरकार के सख्त कदम पर नाराजगी जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
भारत छोड़ रहे पाकिस्तानी पता है क्या कह रहे हैं?
मुहम्मद जमील, अमृतसर के अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट से पाकिस्तान वापस जा रहे थे. पहलगाम के आतंकी हमले के बारे में पूछने पर कहा- खून किसी का भी बहे वो गलत है. चाहे वो किसी का हो, दिल सभी के एक जैसे धड़कता हैं.

इंडिया टुडे से जुड़े असीम बस्सी ने गुरुवार 24 अप्रैल को अटारी बॉर्डर पर मौजूद एक पाकिस्तानी नागरिक शेख फजल से बात की. फजल अन्य पांच लोगों के साथ भारत आए थे. उन्होेंने बताया,
हम 15 अप्रैल को एक कार्यक्रम में शामिल होने भारत आए थे. हमारे पास 45 दिनों का वीजा था, लेकिन हमें इस हालत में भारत छोड़ना पड़ रहा है. बॉर्डर बंद करना गलत फैसला है. दोनों देशों के बीच भाईचारा होना चाहिए. लेकिन जो कुछ भी हो रहा है, वह गलत है.
जब उनसे पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता पर सवाल पूूछा गया, तो उन्होंने कहा, “कोई नहीं बता सकता कि इस हमले की योजना किसने बनाई.”
न्यूज एजेंसी ANI ने कराची के मुहम्मद जमील से बात की. वो अमृतसर के अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट से पाकिस्तान वापस जा रहे थे. पहलगाम के आतंकी हमले के बारे में पूछने पर कहा, “खून किसी का भी बहे वो गलत है. चाहे वो किसी का हो, दिल सभी के एक जैसे धड़कता हैं .” वहीं सरकार के वीजा रद्द करने के फैसले पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.
वहीं एक और पाकिस्तानी नागरिक ने बताया कि वो अपने परिवार के साथ भारत घूमने आया था और अटारी-वाघा सीमा के जरिए अपने देश पाकिस्तान जा रहा है.
अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते ही पाकिस्तान जाने वाले मंसूर ने बताया कि वे कराची से हैं और 20-25 दिनों के लिए भारत आए थे. आतंकी हमले पर मंसूर ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. हालांकि वे वीजा रद्द किए जाने पर निराश थे.
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